आज के इस डिजिटल समय में जहाँ अधिकतर परीक्षाएं कंप्यूटर के द्वारा संपन्न कराइ जाती हैं जिसमे केवल और केवल आपका ज्ञान चेक किया जाता है और उसी के बसे पर आपको मार्क्स दिए जाते हैं. दूसरी तरफ ज़्यादातर लोगो का यह मानना है की अच्छी handwriting से एग्ज़ाम्स में आसानी से अच्छे मार्क्स प्राप्त किए जा सकते है और सुन्दर लिखावट से छात्रों को अधिक मार्क्स मिलते है. लेकिन, यह कितना सत्य और कितना अनावश्यक जानते है इस लेख में –
हां, handwriting एग्ज़ाम्स में मार्क्स देने के लिए एक मानदंड होना चाहिए –
- लिखावट सिर्फ एक कला ही नहीं है, लेकिन इससे यह भी पता चलता है की कोई व्यक्ति कितना व्यवस्थित है
- सभी छात्र अपनी लिखावट को सुन्दर बनाने के लिए लगातार अभ्यास करते रहते है और साथ ही सुन्दर लिखावट व्यक्ति के कठिन परिश्रम की पहचान भी होती है.
- हमारे लिखने के तरीके से पता चलता है की कोई व्यक्ति कितनी सहजता के साथ अपना काम करता है और अगर एग्ज़ाम्स में सुन्दर लिखावट हो तो यह पता चलता की छात्र ने कितना अभ्यास किया है और उसे इस विषय की कितनी समझ और तैयारी है.
- अच्छी handwriting, परीक्षक का ध्यान आकर्षित करती है और जब handwriting साफ़ और सुन्दर होती है तो परीक्षक को उत्तर-पत्रिका समझने में आसानी होती है और मार्क्स कम कटते है. अक्सर, ख़राब लिखावट की वज़ह से कई छात्र अपने मार्क्स गवा बैठते है क्यूंकि परीक्षक उनकी ख़राब handwriting के चलते उनका उत्तर समझ ही नहीं पाता.
- अच्छी handwriting से हर कोई यही अनुमान लगाता है की जिस व्यक्ति की handwriting हो वो बहुत ही समझदार और सुलझा हुआ है और उन्हें आम या गन्दी handwriting वाले व्यक्तियों के मुकाबले ज़्यादा पसंद किया जाता है.
नहीं, एग्ज़ाम्स में मार्क्स के लिए handwriting एक मानदंड नहीं होना चाहिए –
- परीक्षक exams में केवल यह देखता है की उत्तर सही है या गलत, handwriting से कुछ ख़ास फ़र्क नहीं पड़ता
- अक्सर देखा गया है की, बुद्धिमान व्यक्तियों की लिखावट सुन्दर तो दूर बल्कि इतनी अस्पष्ट/घिचपिच होती है की समझ ही नहीं आता की उन्होंने लिखा क्या है लेकिन इससे उनकी समझ और ज्ञान में कमी साबित नहीं होती
- Handwriting साफ और समझ में आने वाली होनी चाहिए ना की सुन्दर. परीक्षक यह देख कर मार्क्स नहीं देता की किस छात्र ने कितनी सुंदरता से लिखा है
- Handwriting से यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता की छात्र ने परीक्षा के लिए कितना परिश्रम किया है. ज़्यादातर छात्र परीक्षा में समय की कमी के कारण घसीट कर या ख़राब handwriting में लिख देते है
- अक्सर, छात्रों के मन में परीक्षा को लेकर कई विचार चल रहे होते है और उन्हें उत्तर लिखते समय अगले उत्तर लिखने का ख़याल आता है या फिर अक्सर, परीक्षा में प्रश्न घुमा-फिराकर पूछे जाते है तो छात्र उत्तर को समझकर लिखने की उलझन में ख़राब handwriting लिख देते है
- कई छात्र किसी मेडिकल समस्या के चलते भी अच्छी handwriting नहीं लिख पाते (अगर लिखने क्षमता रखते है तो) इसलिए handwriting के आधार पर आंकना और मार्क्स देना गलत होगा.
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