खुद को सकारात्मक रखना सफलता की पहली कुंजी मानी जाती है| इसलिए सफल होने के लिए सबसे पहले आपके अन्दर सकारात्मक सोंच का होना ज़रूरी है| गाँधी जी का एक बहुत ही प्रसिद्ध कथन है जो आज मैं आपको याद दिलाना चाहूंगी “ इन्सान वैसा ही बनता है जैसी वह खुद सोच रखता है|” इस कथन का सीधा मतलब यह है कि आप सफल तभी हो सकते हैं जब आप सफलता हासिल करने के प्रति अपनी सोच हमेशा पॉजिटिव रखें|
आज हम इस आर्टिकल में कुछ ऐसे ही खास टिप्स बताने जा रहे हैं जो आपको सकारात्मक बनाएं रखने में काफी हद तक मददगार साबित होगी|
सकारात्मक सोच के लिए क्या करें?
सकारात्मक सोच के लिए सबसे पहले हमे अपने अन्दर से नकारात्मक सोच को हटाना होगा, तभी हम अपने आप को पॉजिटिव रख सकते हैं| नकारात्मक सोच हमेशा सफलता में बांधा बनती है| इसलिए हमे सबसे पहले अपने नकारात्मक सोच को दूर करने की पूरी कोशिश करनी चाहिए क्यूंकि नकरात्मक सोच हमेशा हमें कमजोर बनाती है यदि आप अपनी खामियां ढूंड- ढूंड कर खुद को कमतर ही समझते रहेंगे तो कभी सफलता की ओर कदम नहीं बढ़ा पाएंगे| नकारात्मक सोच को हटाने तथा सकारात्मक सोच लाने के लिए कुछ बातों को हम यहाँ बताने जा रहे हैं जो कुछ इस प्रकार है :
अपनी नकारात्मक सोच को बदलें :
जीवन में अपने लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ने के लिए सबसे ज़रूरी यह है कि आप अपने काबिलियत का 100 प्रतिशत इस्तेमाल करें और यह तभी संभव है जब आप अपने नकारात्मक सोंच को बदलें| जैसे कि यदि आपको किसी काम को शुरू करने से पहले ऐसा लगता है या कुछ ऐसे सवाल आते हैं कि क्या यह मुझसे होगा, नही मैं यह नही कर सकती, या यह तो संभव ही नहीं मुझसे..... इस तरह के डर को अपने अन्दर से निकल दें और यह सोंचे कि मुझे यह करना चाहिए| क्यूंकि जब आप किसी काम को शुरू करते हैं ज़रूरी नहीं की आपको सबकुछ आता हो या आसानी से आप सभी काम को कर पाएं लेकिन इसका यह मतलब भी नही कि आप बिना कोशिश किये पहले से ही एक निष्कर्ष निकाल कर बैठ जाएँ| अगर आप थोड़ी सी परेशानियों से घिरने पर खुद पर ही संदेह करेंगे तो सफलता कि ऊँचाइयों तक पहुँचने में बहुत कठिनाई होगी| एक बहुत ही प्रसिद्ध कविता कि पंक्ती है लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, हिम्मत करने वालों की कभी हार नही होती| तो हमेशा किसी भी काम को शुरू अपने पॉजिटिव सोंच से करें और उस काम से जुड़ी सभी नेगेटिव सोंच को भूल जाएँ|
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सेल्फ कॉन्फिडेंस रखें:
पॉजिटिव रहने के लिए सेल्फ कॉन्फिडेंस होना बहुत महत्वपूर्ण होता है| सेल्फ कॉन्फिडेंस हमारे अंदर हमेशा पॉजिटिव थॉट बढ़ाता है जिसके द्वारा हम बड़े से बड़ा काम आसानी से कर लेते हैं| जीवन में उतार चढ़ाव तो आते रहते हैं लेकिन आपके व्यक्तित्व की पहचान तो सही माईने में तब होती है जब आप परेशानियों का सामना करते हुवे भी अपना व्यवहार कुशल रखते हैं| जैसे कि कुछ लोग हमेशा सकारात्मक पहलुओं को ढूंड कर अपने जीवन में उत्साह बनाये रखते हैं और अपनी उपलब्धियों को याद कर खुद का सेल्फ कॉन्फिडेंस कभी कम नहीं होने देते| उसी जगह कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो अपनी नकारात्मक सोंच और किसी एक नाकामयाबी के कारण अपना पूरा कॉन्फिडेंस लेवल खो बैठते हैं और गलत कदम उठाने से भी नहीं चुकते| याद रखें आपकी काबिलियत तब पहचानी जाती है जब आप इन परिस्तिथियों को खुद पर हावी न होने दें और खुद को मोटीवेट रखें|
अतीत को भूल आगे बढ़ें :
जो समय आपके हाँथ से निकल चूका है उसके विषय में सोंचकर अपना समय बर्बाद करने के बजाये आगे बढ़े| बिता समय कभी वापस नही आता लेकिन आपको उससे हमेशा एक सिख मिलती है जिस कारण आप आगे ऐसी गलती नहीं करते हैं| खुद को सकारात्मक बनाने के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप अतीत में हुवे सभी परिणाम से सिख लेकर आगे बढ़ते चलें| यदि आपको लगता है कि अतीत के किसी दुखद परिणाम के कारण आप भविष्य में भी अच्छा नहीं कर सकते तो यह सोंच गलत होगी क्यूंकि अतीत में परिणाम अच्छा हो या बुरा दोनों से ही आपको अच्छी सिख मिलती है| परिणाम अच्छा हो तो वो आगे के लिए आपकी प्रेरणा आपकी मोटिवेशन का कारण बनती है और बुरा है तो आगे ऐसी गलतियों से बचने की सिख देती है|
निष्कर्ष : जिस दिन आप नकारात्मक चीजों में खुद के लिए सकारात्मक पक्ष ढूँढना सिख जायेंगे उस दिन से आप खुद में यह महसूस करेंगे कि कोई भी परेशानी आपका मनोबल गिराने में सफल नहीं हो रही है और ये मनोबल आपको सफलता कि ऊँचाइयों तक ज़रूर ले जाएगा बस ज़रूरत है तो खुद को सकारात्मक सोंच के साथ आगे बढ़ाने की|
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