स्कूली स्तर पर आयोजित होने वाली ओलंपियाड परीक्षाओं के द्वारा विद्यार्थियों की प्रॉब्लम सॉल्विंग और एनालिटिकल स्किल चेक की जाती है. आजकल ओलंपियाड परीक्षाओं की लोकप्रियता काफी बढ़ गयी है और इन परीक्षाओं में प्रतियोगिता का स्तर भी बढ़ता जा रहा है.
ओलंपियाड परीक्षाओं का महत्त्व
• ओलंपियाड परीक्षाएं विद्यार्थियों को गणित और विज्ञान के कंसेप्ट्स रटने की जगह सीखने की प्रेरणा देती हैं.
• ओलंपियाड परीक्षाएं विद्यार्थियों को भविष्य में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी तैयार करती हैं.
विद्यार्थियों को ओलंपियाड परीक्षाएं क्यों देनी चाहिए?
राज्य स्तर या अखिल भारतीय स्तर पर ओलंपियाड परीक्षाएं देने पर स्कूली विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिस्पर्धा के स्तर का पता चलता है. इन्हे देने पर स्कूली विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिस्पर्धा के स्तर का पता चलता है और इनके रिजल्ट के द्वारा विद्यार्थियों को अपनी क्षमताओं का विश्लेषण करने का मौका मिलता है.
ओलंपियाड परीक्षाओं को देने के कुछ फायदे नीचे दिए गए हैं:
• इन परीक्षाओं में मिलने वाली रैंक के द्वारा विद्यार्थियों को उनकी क्षमता के बारे में पता चलता है.
• इन परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्नों को हल करने के लिए कंसेप्ट्स की अच्छी समझ होना बहुत ज़रूरी है और इनकी तैयारी करने से विद्यार्थियों का शैक्षिक स्तर बढ़ता है.
• इन परीक्षाओं के द्वारा विद्यार्थी को अपनी समझ, ज्ञान के स्तर और तर्कशक्ति का पता चलता है.
• यह परीक्षाएं विद्यार्थियों की तार्किक सोच को विकसित करती हैं.
• इन परीक्षाओं में मिलने वाले पुरस्कारों और सर्टिफिकेट्स की खास मान्यतायें होती हैं.
ओलंपियाड परीक्षाओं के लिए तैयारी कैसे करें?
ओलंपियाड परीक्षाओं की तैयारी के लिए विद्यार्थियों को समय से आवेदन करना बहुत ज़रूरी है. ओलंपियाड परीक्षाओं से जुड़ी पूरी सूचना (जैसे- योग्यता, शुल्क इत्यादि), इनकी आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध रहती है.
अब सवाल उठता है कि स्कूल की पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थी ओलंपियाड परीक्षाओं की तैयारी कैसे करें?
इन परीक्षाओं में अच्छा रिजल्ट (या अच्छी रैंक) पाने के लिए विद्यार्थियों को यह काम करना चाहिए और इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:
1 # सबसे पहले लेटेस्ट सिलेबस देखें
चाहे ओलंपियाड हो या फिर कोई और परीक्षा, किसी भी परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले हमे उसका लेटेस्ट सिलेबस ज़रूर देखना चाहिए. ओलंपियाड परीक्षाओं के सिलेबस में कई ऐसे कॉमन टॉपिक्स होंगे जो आपकी क्लास के सिलेबस में भी होंगे.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि तैयारी करते समय कॉमन और आसान टॉपिक्स को पहले तैयार करना चाहिए. विद्यार्थियों को दोनों सिलेबस (क्लास और ओलंपियाड) देख कर पढ़ाई की रणनीति बनानी चाहिए.
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2 # एक संतुलित स्टडी प्लान बनाएं और उसे मजबूती से फॉलो करें
सिलेबस देखने के बाद विद्यार्थियों को अपने स्कूल और ओलंपियाड परीक्षाओं की तैयारी के लिए एक उचित स्टडी टाइम टेबल बना लेना चाहिए.
रोजाना उसमे ओलंपियाड की तैयारी के लिए कितनी पढ़ाई करनी है और स्कूल एग्ज़ाम्स की तैयारी के लिए कितनी पढ़ाई करनी है इसकी पूरी जानकारी आपके टाइम टेबल में होनी चाहिए.
एक बार टाइम टेबल बनाने के बाद उसमें किसी भी तरह के बदलाव से बचे. अगर आप बार-बार टाइम टेबल बदलेंगे तो आप टाइम टेबल ही बदलते रह जाएंगे और आपकी तैयारी नहीं हो पाएगी या हो भी पाएगी तो बहुत कम. इसलिए जो भी टाइम टेबल बनाए एक बार में बनाए और उसका पाबंदी से पालन करें.
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3 # कंसेप्ट्स को रटने के बजाय समझने पर ध्यान दें
ओलंपियाड परीक्षाओं में बेसिक कंसेप्ट्स पर आधारित सवाल पूछे जाते है इसलिए ओलंपियाड परीक्षाओं की अच्छी तैयारी तभी हो पाएगी जब आपकी बेसिक कंसेप्ट्स पर मजबूत पकड़ होगी.
बेसिक कंसेप्ट्स पर मजबूत पकड़ बनाने के लिए आपको इन्हे अच्छे से समझना चाहिए और इन पर आधारित ज़्यादा से ज़्यादा प्रश्नों का अभ्यास करना चाहिए. ऐसा करने से ही आप ओलंपियाड परीक्षाओं में अच्छे अंक हासिल कर सकते हैं.
4 # रिवीज़न के लिए नोट्स ज़रूर तैयार करें
ओलंपियाड परीक्षाओं की तैयारी के दौरान विद्यार्थियों को टॉपिक्स को पढ़ने के साथ-साथ उन्हें दोहराने पर भी खास ध्यान देना चाहिए. अगर विद्यार्थी किसी टॉपिक को पढ़ने के बाद दुबारा नहीं दोहराएंगे तो वे उस टॉपिक को जल्द ही भूल जाएंगे.
रिवीज़न के लिए विद्यार्थियों को खुद नोट्स बनाने चाहिए. नोट्स ऐसे हो कि कम से कम शब्दों में ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी दी गई हो. इन नोट्स को विद्यार्थी हर हफ़्ते ज़रूर दोहराना चाहिए.
चाहे जितनी तैयारी कर लो, अगर इन बातों का ध्यान नहीं रखा तो परीक्षा में सफल होना लगभग नामुमकिन है
5 # पुराने पेपर्स, सैंपल पेपर्स और मॉक टेस्ट से अभ्यास ज़रूर करें
पुराने पेपर्स से आपको यह आसानी से समझ आ जाएगा कि परीक्षा में किस तरह के सवाल पूछें जाते हैं. इन्हे हल करने से विद्यार्थियों का कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ता है.
सैंपल पेपर्स और मॉक टेस्ट से विद्यार्थियों में को नए पैटर्न के बारे में पता चलता है और इसके साथ-साथ उनकी सवालों को हल करने की स्पीड भी बढ़ती है.
इस बात का ध्यान रखिये कि अगर आप पुराने पेपर्स, सैंपल पेपर्स और मॉक टेस्ट से अभ्यास नहीं करेंगे तो आपको शायद सफलता न मिल पाए इसलिए इनसे प्रैक्टिस ज़रूर करें.
6 # मैथ्स के शार्ट कट सीखें और English Vocabulary को सुधारें
ओलंपियाड परीक्षाओं में कम समय में ज़्यादा सवाल हल करने होते हैं इसलिए आपकी कैलकुलेशन स्पीड बहुत अच्छी होनी चाहिए. मैथ्स में तेज़ कैलकुलेशन के लिए तरह-तरह के शार्टकट होते है और कैलकुलेशन स्पीड बढ़ाने के लिए विद्यार्थियों को शार्टकट ज़रूर सीखने चाहिए. मैथ्स के शार्टकट सीखने के साथ-साथ विद्यार्थियों को अपनी English Vocabulary सुधारने पर ख़ास ध्यान देना चाहिए.
7 # हमेशा अपने लक्ष्य पर ध्यान रखें
अब आप दो एग्ज़ाम्स की एक साथ तैयारी कर रहे हैं तो आपको ज़्यादा मेहनत करनी पड़ेगी. कभी आपकी परफॉरमेंस बहुत अच्छी होगी और कभी ख़राब. ऐसे में आपको अपना धैर्य नहीं खोना है और लगातार मेहनत करते रहना चाहिए. तैयारी के दौरान इस बात का ध्यान रखिये कि आपका ध्यान इधर उधर न भटके वार्ना आपका काफी समय बर्बाद हो सकता है. आपका ध्यान हमेशा अपने लक्ष्य पर होना चाहिए.
अगर विद्यार्थी ऊपर दी गयी बातों का ध्यान रखेंगे तो स्कूल और ओलंपियाड दोनों परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करेंगे। ओलंपियाड परीक्षाओं की तैयारी के लिए विद्यार्थियों को अलग से कोचिंग ज्वाइन करने की आवश्यकता नहीं.
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