भारतीय वायु सेना (IAF) में युवा कई तरह से शामिल हो सकते हैं। IAF उन सभी उम्मीदवारों को अवसर प्रदान करता है जिन्होंने 10 वीं, 12 वीं, स्नातक और स्नातकोत्तर की परीक्षा उत्तीर्ण की है। इसके अलावा अन्य स्पेशल एंट्री स्कीम भी हैं जैसे NCC एंट्री या यूनिवर्सिटी एंट्री स्कीम (UES)। आइए, भारतीय वायु सेना की शाखाओं पर एक नजर डालते हैं।
Difference between Commissioned and Non-Commissioned Officers in IAF
भारतीय वायुसेना की शाखाएँ
भारतीय वायुसेना की निम्नलिखित शाखाएँ हैं:
फ्लाइंग ब्रांच: फ्लाइंग ब्रांच में पायलट होते हैं। पुरुष और महिला दोनों ही पायलट बन सकते हैं। इस ब्रांच के व्यक्ति ऑपरेशन और युद्ध के दौरान विमानों को उड़ाते हैं। पायलट तीन प्रकार के होते हैं: फाइटर पायलट, हेलीकाप्टर पायलट और ट्रांसपोर्ट पायलट।
ग्राउंड ड्यूटी ब्रांच: ग्राउंड ड्यूटी ब्रांच कंट्रोल टॉवर और मौसम संबंधी कार्यों से संबंधित होते हैं। ग्राउंड ड्यूटी ब्रांच केअधिकारियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे पायलट के साथ समन्वय बना कर रखें और उन्हें मौसम की स्थिति से अवगत कराते रहें। ग्राउंड ड्यूटी ब्रांच की दो अलग-अलग शाखाएँ हैं:
ग्राउंड ड्यूटी (टेक्निकल ब्रांच): टेक्निकल ब्रांच विमान और वायु सेना के अन्य उपकरणों से संबंधित है।
ग्राउंड ड्यूटी (नॉन-टेक्निकल ब्रांच): नॉन-टेक्निकल ब्रांच में लॉजिस्टिक्स, लेखा, शिक्षा, प्रशासन और चिकित्सा शामिल है।
Airmen Group X and Y: Salary, Other Benefits and Promotion
भारतीय वायु सेना में शामिल होने के 6 तरीके
10 वीं के बाद
IAF विभिन्न सिविलियन पदों के लिए भर्ती करता है जैसे मल्टी टास्किंग स्टाफ (MTS), स्टेनोग्राफर, कंटेंट असिस्टेंट (मैटेरियल असिस्टेंट), लोअर डिवीजन क्लर्क (LDC), वॉचमैन, कुक, कारपेंटर, मैसेंजर, माली, फिटर, वेंडर, नाई, टिन और कॉपर स्मिथ , मैकेनिक, दर्जी, पेंटर आदि।
इन पदों पर भर्ती के लिए उम्मीदवारों को 10 वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए या संबंधित क्षेत्र में डिप्लोमा होना चाहिए। कुछ पदों में, योग्यता केवल 10 वीं कक्षा तक सीमित है जबकि कुछ अन्य में, ITI आवश्यक है। यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को वरीयता दी जाती है।
Airmen Group X and Y: Eligibility, Exam Pattern and Syllabus
12 वीं के बाद (10 + 2)
उम्मीदवार 12 वीं कक्षा पास करने के बाद भी भारतीय वायुसेना में प्रवेश कर सकते हैं। सभी पुरुष, जिन्होंने 12 वीं कक्षा की परीक्षा पास की है, लिखित परीक्षा और SSB इंटरव्यू पास करके राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में शामिल हो सकते हैं। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद, उम्मीदवार भारतीय वायुसेना में शामिल हो जाते हैं। NDA के लिए परीक्षा का आयोजन UPSC द्वारा वर्ष में दो बार किया जाता है।
ग्रेजुएशन के बाद
उम्मीदवार ग्रेजुएशन के बाद, कंबाइंड डिफेंस सर्विस (CDS) परीक्षा उत्तीर्ण करके भारतीय वायुसेना की किसी भी शाखा में शामिल हो सकते हैं। CDS परीक्षा वर्ष में दो बार UPSC द्वारा आयोजित की जाती है। IAF में चयनित होने के लिए उम्मीदवार एयर फ़ोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट (AFCAT) में भी शामिल हो सकते हैं। चयन के बाद, उम्मीदवारों को IAF के प्रशिक्षण संस्थानों में से किसी एक में प्रशिक्षण दिया जाता है और फिर उन्हें अधिकारियों के रूप में नियुक्त किया जाता है।
पोस्ट-ग्रेजुएशन के बाद
पोस्ट-ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद उम्मीदवार टेक्निकल या ग्राउंड ड्यूटी ब्रांच में शामिल हो सकते हैं। यदि उम्मीदवारों के पास एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग या इलेक्ट्रॉनिक्स में डिग्री है, तो वे IAF में शामिल हो सकते हैं।
मेटीरोलॉजिकल ब्रांच में प्रवेश किसी भी साइंस स्ट्रीम / गणित / सांख्यिकी / भूगोल / कंप्यूटर ऍप्लिकेशन्स / पर्यावरण विज्ञान / एप्लाइड फिजिक्स / समुद्र विज्ञान / मौसम विज्ञान / कृषि मौसम विज्ञान / पारिस्थितिकी और पर्यावरण / जिओ फिजिक्स / पर्यावरण जीव विज्ञान में पोस्ट-ग्रेजुएशन के सभी पेपर्स में कुल मिलाकर न्यूनतम 50% अंक प्राप्त करने के बाद ही संभव है। साथ ही ग्रेजुएशन में गणित और भौतिकी विषय में न्यूनतम 55% अंक होने चाहिए।
Salary and Promotions of Air Force Officers
NCC एंट्री
नेशनल कैडेट कोर (NCC), जिसे रक्षा सेवाओं में फोर्थ लाइन ऑफ़ डिफेन्स के रूप में भी जाना जाता है, भारतीय वायुसेना में शामिल होने का अवसर प्रदान करता है। यदि उम्मीदवारों ने NCC प्रशिक्षण पूरा कर लिया है और एयर विंग NCC से सर्टिफिकेट ‘सी ’ प्राप्त किया है तो वे भारतीय वायुसेना में शामिल होने के लिए पात्र हैं।
यूनिवर्सिटी एंट्री स्कीम (UES)
यूनिवर्सिटी एंट्री स्कीम (UES) उन उम्मीदवारों के लिए है जो वर्तमान में BE / B.Tech डिग्री के अपने अंतिम वर्ष से पहले वाले वर्ष में हैं। उम्मीदवारों के लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि SSB इंटरव्यू के समय पिछले सेमेस्टर में किसी भी पेपर में कोई बैकलॉग नहीं होना चाहिए। डिग्री के पूरा होने पर उम्मीदवारों को सभी पेपर में कुल मिलाकर न्यूनतम 60% अंक प्राप्त करने होंगे।
अब, यह स्पष्ट है कि उम्मीदवार कक्षा 10 वीं से पोस्ट-ग्रेजुएशन तक कभी भी IAF में प्रवेश ले सकते हैं। आयु सीमा भारतीय वायुसेना में शामिल होने में एक अहम भूमिका निभाता है इसलिए उम्मीदवारों को भारतीय वायुसेना में आवेदन करने से पहले आयु सीमा के बारे में अच्छे से जान लेना चाहिए।
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