कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए स्टडी बर्नआउट से बचने के बेमिसाल तरीके  

Jan 31, 2020, 18:44 IST

कॉलेज स्टूडेंट्स अक्सर पढ़ते समय स्टडी बर्नआउट के शिकार हो जाते हैं क्योंकि उन्हें कई घंटे लगातार पढ़ना पड़ता है. इस आर्टिकल में पढ़ें स्टडी बर्नआउट से बचने के कुछ बेमिसाल तरीके.

What is Study Burnout and how to overcome it?
What is Study Burnout and how to overcome it?

हमारे देश सहित दुनिया-भर में स्टूडेंट्स की कॉलेज लाइफ उनकी स्कूल लाइफ से काफी अधिक होती है. कॉलेज में स्टूडेंट्स का कोई सेट स्टडी टाइम-टेबल नहीं होता है और हरेक सप्ताह किसी दिन तो उनकी क्लासेज लगातार एक के बाद एक लगती ही रहती हैं और किसी दिन ऐसा भी होता है कि एक क्लास सुबह 9 बजे लगने के बाद दूसरी और तीसरी क्लास शाम को क्रमशः 4 बजे और 5 बजे लगती हैं. आजकल स्टूडेंट्स को अपने कॉलेज के दिनों में इंटर्नशिप करने के साथ ही प्रोजेक्ट्स भी तैयार करने पड़ते हैं. भारत के बहुत से कॉलेजों में आजकल एग्जाम्स भी सेमिस्टर पैटर्न पर लिए जाते हैं अर्थात हरेक 6 महीने में स्टूडेंट्स को एग्जाम्स देने पड़ते हैं. ऐसे में, कॉलेज स्टूडेंट्स को अक्सर कई-कई घंटे लगातार पढ़ना पड़ता है. तिस पर देश के विभिन्न कॉलेजों में आजकल पूरे साल स्टूडेंट्स को एक्स्ट्रा-करीकुलर एक्टिविटीज़ में हिस्सा लेना पड़ता है. हालांकि, हरेक कॉलेज का रोज़ाना का यह एकेडमिक स्टडीज़, एक्स्ट्रा-करीकुलर एक्टिविटीज़, प्रोजेक्ट वर्क, प्रैक्टिकल्स और इंटर्नशिप से संबंधित हेक्टिक शेड्यूल स्टूडेंट्स के पूर्ण व्यक्तित्व के विकास के लिए निहायत ही जरुरी है लेकिन कॉलेज के स्टूडेंट्स अक्सर अपनी स्टडीज़ से ऊब जाते हैं और वे उत्साह की कमी महसूस करते हैं.

देश-दुनिया में स्टूडेंट्स का अक्सर अपनी स्टडीज़ से ऊब जाना और उनमें अपनी पढ़ाई को लेकर उत्साह की कमी होना अब एक कॉमन समस्या बन चुकी है. इसे ही एजुकेशनल एक्सपर्ट्स “स्टडी बर्नआउट” कहते हैं जिसके चलते स्टूडेंट्स का अपनी पढ़ाई में बिलकुल भी मन नहीं लगता और कई स्टूडेंट्स तो अपनी पढ़ाई भी बीच में ही छोड़ देते हैं. लेकिन, क्या आपको पता है कि, स्टडी बर्नआउट वास्तव में कोई गंभीर समस्या नहीं है और अगर स्टूडेंट्स इसकी पहचान कर लें तो फिर कुछ हिम्मत और मेहनत करके स्टडी बर्नआउट से हमेशा के लिए बच सकते हैं. कैसे?? आइये इस आर्टिकल में आगे पढ़ें:

 ‘स्टडी बर्नआउट’ किसे कहते हैं?

यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें कोई व्यक्ति अपने काम या स्टडी पर ध्यान नही दे पाता है और उसे अपने काम में कोई दिलचस्पी नहीं रहती है, वह उस काम या अपनी स्टडीज से दूर भागता है. इस बर्नआउट की स्थिति या मन:स्थिति को अधिक गहराई से समझाने के लिये रिसर्चर्स ने इसे तीन भागों में बांटा है: लगातार थकावट महसूस करना अर्थात अपना ध्यान फोकस करने के लिये संघर्ष करना, ‘निराशावाद’ का अनुभव करना अर्थात अपनी स्टडीज से परायापन महसूस करना और आखिर में ‘अक्षमता’ अर्थात अपने टॉपिक को याद न कर पाना या अपने टास्क  को पूरा न कर पाना.

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स्टूडेंट्स स्टडी बर्नआउट के लक्षण कुछ यूं पहचाने   

स्टडी बर्नआउट के लक्षण प्रत्येक छात्र में अलग-अलग हो सकते हैं. यह छात्रों की प्रेशर या टाइट डेडलाइन्स में काम करने की क्षमता पर निर्भर करता है. हालांकि, यह एक साधारण सी गलत अवधारणा है कि हम कई घंटों तक लगातार पढ़ते रहने से स्टडी बर्नआउट का शिकार बन जाते हैं.

लेकिन जितनी जल्दी हमें बर्नआउट के लक्षणों की पहचान होगी, उतनी ही जल्दी हम इस समस्या से निजात पा सकेंगे. यहां कुछ लक्षण बताये जा रहे हैं जिनकी स्टूडेंट्स आसानी से पहचान कर सकते हैं:

  • आपकी अकेडमिक परफॉरमेंस में अचानक कमी आना
  • निरंतर मानसिक थकावट महसूस करना
  • जीरो मोटिवेशन
  • आपको सौंपे गये काम पर फोकस न रख पाना
  • लगातार थकान महसूस करना

कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए स्टडी बर्नआउट से बचने के कुछ कारगर तरीके  

स्टडी बर्नआउट से निपटना आसान है, लेकिन इसे बरदाश्त करना थोड़ा कठिन है. स्टडी बर्नआउट से बचने का सबसे अच्छा तरीका एक छोटा ब्रेक लेना है. हालांकि, ऐसा करने में स्टूडेंट्स को 2 अलग तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कुछ ऐसे स्टूडेंट्स होते हैं जो यह सोचते हैं कि पढ़ाई के बीच में ब्रेक लेने से पढ़ाई की निरंतरता में रुकावट आयेगी और इसलिये वे कोई ब्रेक नहीं लेना चाहते हैं. कुछ ऐसे भी स्टूडेंट्स होते हैं जो यह सोचकर ब्रेक लेने से डरते हैं कि वे छोटे ब्रेक लेने की समय सीमा का पालन नहीं कर पायेंगे और अपने ब्रेक के समय को बढ़ा लेंगे जिससे उनका पढ़ाई करने का कीमती समय बरबाद हो जायेगा.

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लेकिन फिर भी, ब्रेक लेना बहुत जरुरी है क्योंकि कई घंटों तक लगातार बैठकर और अपनी किताबों को घूरकर भी आप अपनी स्टडीज का कीमती समय सिर्फ बरबाद ही कर रहे हैं यदि उस दौरान आप अपना ध्यान पढ़ाई पर नहीं लगा पा रहे या फिर कुछ नया नहीं सीख पा रहे हैं. अच्छा हो अगर आप उस समय एक ब्रेक ले लें और कुछ देर के बाद तरोताज़ा होकर नई एनर्जी से अपनी पढ़ाई दुबारा शुरू करें. कुछ दिलचस्प ब्रेक एक्टिविटीज जो स्टूडेंट्स अक्सर आजमाते हैं, निम्न प्रस्तुत हैं:

  • पॉवर नैप लेना या थोड़ी देर के लिए सो जाना
  • नहाना
  • पार्क में कुछ देर घूमने के लिए जाना
  • किसी दोस्त को कॉल करना
  • कुछ स्नैक्स (खा) लेना 
  • म्यूजिक सुनना
  • अपना कोई पेंडिंग काम निपटाना

ब्रेक लेना इस समस्या का एक तुरंत, असरकारक लेकिन तत्काल इलाज है. इससे आप किसी दिये गये समय में स्टडी बर्नआउट को महसूस करने से बच सकते हैं. हालांकि, अगर आप बार-बार स्टडी बर्नआउट के शिकार बन रहे हैं तो आपको इससे बचने के लिए कुछ अन्य जरुरी और लाभकारी तरीके अपनाने होंगे.

अधिकांश लोग हर काम को टालते रहने की अपनी आदत के कारण ही बार-बार स्टडी बर्नआउट महसूस करते हैं. जब कोई स्टूडेंट अपनी स्टडीज को बार-बार कल पर टालता जाता है तो उसके लेसंस इकट्ठे होते रहते हैं और एग्जाम के दिनों में उसके पास याद करने और समझने के लिए ढेरों टॉपिक्स जमा हो हाते हैं. इस कारण चिंता और प्रेशर पैदा हो जाते हैं जो अंत में स्टडी बर्नआउट का रूप ले लेते हैं.

अब हम कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए स्टडी बर्नआउट महसूस करने से बचने के लिए यहां कुछ महत्वपूर्ण पॉइंटर्स पेश कर रहे हैं जिन्हें स्टूडेंट्स अवश्य फ़ॉलो करें:

  • स्टूडेंट्स अपने लिए एक अनुशासित स्टडी शेड्यूल तैयार करें
  • स्टूडेंट्स क्लासेज में नियमित तौर पर नोट्स बनायें
  • स्टूडेंट्स यह सुनिश्चित करें कि आप समुचित रेस्ट लेते हैं
  • स्टूडेंट्स स्टडी करने के लिए कोई आरामदायक जगह तलाशें
  • स्टूडेंट्स अपनी स्टडीज से लेकर खाली समय तक हरेक काम के लिए योजना बनायें
  • स्टूडेंट्स हेल्थी खाना खायें और नियमित रूप से एक्सरसाइज करें.

इन तरीकों का पालन अक्लमंदी से करें तो आप कम से कम स्टडी बर्नआउट महसूस करेंगे. आप इनमें से कुछ आदतों को अपने रोज़मर्रा के रूटीन में शामिल कर सकते हैं क्योंकि इनसे आपको अपना ध्यान फोकस करने और सीखने की क्षमता में सुधार लाने में मदद मिलेगी. 

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