तकनीकी क्षेत्रों में अवसरों की भरमार है। लेकिन इसमें कोई दोराय नहीं कि आज डिमांड है रेडी टू इंडस्ट्री प्रोफेशनल्स (जो लगातार अपग्रेड कर रहे हैं और जिन्हें है एडवांस टेक्नोलॉजी का बेहतर ज्ञान) का। जो कैंडिडेट जापान की शिक्षण संस्थानों से संबंधित फील्ड में मास्टर करना चाहते हैं, वे पेनासोनिक स्कॉलरशिप प्रोग्राम के माध्यम से सपना पूरा कर सकते हैं। पेनासोनिक इंडिया के सीईओ, मिस्टर डेईजो अल्टो के मुताबिक, इस स्कॉलरशिप प्रोग्राम में प्रतिभावान छात्रों के लिए बेहतर अवसर हैं।
क्या है उद्देश्य
पेनासोनिक स्कॉलरशिप प्रोग्राम के प्रमुख उद्देश्य हैं- यह मानव संसाधन के बेहतर विकास को बढावा देने के लिए है।
तेजी से बदल रही अर्थव्यवस्था और इंडस्ट्री की मांग के अनुरूप प्रोफेशनल्स तैयार करने के लिए है। भारत और जापान के बीच आपसी समझदारी और साझेदारी का बढिया अवसर प्रदान करना है।
क्या है जरूरी योग्यता
एकेडमिक बैकग्राउंड शानदार हो और आप जापान से मास्टर कोर्स करना चाहते हों।
आपको जैपनीज भाषा का ज्ञान होना चाहिए।
मिलती है वित्तीय मदद
यदि आप पेनासोनिक स्कॉलरशिप प्रोग्राम के लिए चयनित हो जाते हैं, तो कंपनी आपके सभी खर्चे वहन करती है। मसलन, आने-जाने का खर्चा, दाखिले का खर्चा, लाइब्रेरी, कोर्स का खर्चा, रहन-सहन में होने वाले तमाम खर्चे। गौरतलब है कि एडमिशन के समय आपको खुद फाइनेंस करना होता है, लेकिन बाद में ये सारे खर्चे कंपनी की तरफ से लौटा दिया जाता है।
डॉक्यूमेंट्स
आवेदन पत्र के साथ आपको निम्नलिखित दस्तावेज संलग्न करना होगा-4टॉफेल, जीआरई आदि का प्रमाणपत्र।
अपना पूरा प्रोफाइल यानी रेज्यूमे।
सभी शैक्षणिक दस्तावेजों की कॉपियां।
चयन-प्रक्रिया
चयन की प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी होती है। आइए जानें अंतिम रूप से चयनित होने के लिए आपको क्या करना होगा-
पहले चरण के तहत आवेदन-पत्र भरना होगा। ये आवेदन-पत्र आप आईआईटी समेत देश के कुछ प्रसिद्ध तकनीकी संस्थानों से प्राप्त कर सकते हैं। मसलन, आईआईटी मुंबई, दिल्ली, मद्रास, ख् ारगपुर, रुडकी, दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे आदि।
दूसरे चरण के तहत कैंडिडेट का इंटरव्यू लिया जाता है। इसमें सभी शैक्षिक प्रमाणपत्रों के साथ-साथ उनकी पर्सनैल्टी को देखा-परखा जाता है। इनमें उनकी कम्युनिकेशन स्किल, दूसरी संस्कृति में एडजस्ट करने की क्षमता खास तौर पर देखी जाती है। साथ ही जापान में रहने और शिक्षा ग्रहण करने को लेकर कैंडिडेट की रुचि को भी बारीकी से परखा जाता है।
तीसरे चरण में फाइनल इंटरव्यू है। हालांकि दूसरे चरण से यह मिलता-जुलता है। लेकिन यह अंतिम चरण होता है, इसलिए बेहद फोकस्ड अप्रोच अपनाया जाता है। इसके तहत उन्हीं कैंडिडेट्स को वरीयता मिलती है, जो कंपनी के सीओओ, एचआर को अधिक उपयुक्त लगते हैं।
सीमा झा
seemajha@nda.jagran.com
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