हिंन्दुस्तानियों को उनके साहित्य, उनकी संस्कृति से हमेशा ही विश्व में नाम मिला है। आस्ट्रेलिया का हिंदी को पाठ्यक्रम में शामिल करना उसे एक और सम्मान मिलने की तरह है। इससे वैश्विक स्तर पर हिंदी का प्रचार-प्रसार बढेगा। विश्व के अन्य देशों में भी हिंदी को शिक्षा में अपनाने की दिशा में प्रयास होंगे।
निशांत
विश्व भाषा बनेगी हिंदी
हिंदी भाषा को बस अंग्रेजी के स्तर तक प्रचार की जरूरत भर है और यह स्वयं ही विश्व की भाषा के रूप में पहचान बना लेगी। आस्ट्रेलिया ने पहल की है और उसकी देखा-देखी भारतीय छात्रों को लुभाने के लिए ही सही हिंदी को पाठ्यक्रम में शामिल करने की तरफ अग्रसर होंगे।
शैलेश
विश्व की जरूरत
आस्ट्रेलिया का हिंदी को पाठ्यक्रम में शामिल करना इस बात का प्रमाण है कि हिंदी भाषा भी विश्व की जरूरत में शामिल हो गई हैं। इससे भारतीयों की प्रतिभा को भी वैश्विक स्तर पर पहचान मिल पाएगी। वह दिन आएगा जब अंग्रेजी आने वाले को नौकरी नहीं और हिंदी वाले को नौकरी के लिए पूछा जाएगा।
प्रवीन
हिंदी का वर्चस्व बढेगा
आस्ट्रेलिया की तरह यदि हमारे देश में भी हिंदी भाषियों को सम्मान मिलने लगे तो वह दिन दूर नहीं होगा जब पूरे विश्व में इस भाषा का वर्चस्व होगा। एक देश के हिंदी को पाठ्यक्रम में शामिल करने से अन्य देश भी इस दिशा में प्रयास करेंगे।
मुनीषा
प्रस्तुति: रचना वर्मा
हिंदी का प्रचार होगा
हिंन्दुस्तानियों को उनके साहित्य, उनकी संस्कृति से हमेशा ही विश्व में नाम मिला है. आस्ट्रेलिया का हिंदी को पाठ्यक्रम में शामिल करना उसे एक और सम्मान मिलने की तरह है। इससे वैश्विक स्तर पर हिंदी का प्रचार-प्रसार बढेगा
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