लोकतांत्रिक देश होने के नाते यहां पर प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पसंद का उम्मीदवार चुनने का हक है। इसके लिए हर नागरिक को मत का अधिकार है। वहीं, भारत में पूरे साल चुनावी माहौल गर्म रहता है। कभी किसी राज्य में विधानसभा, तो कभी किसी राज्य में नगर निगम और स्थानीय स्तर के चुनाव होते हैं। चुनाव के इस मौसम में हमें विभिन्न प्रकार के शब्द सुनने को मिलते हैं, जिसमें Nomination और Appointment भी शामिल है। इन दोनों शब्दों का ही अलग-अलग प्रयोग है। हालांकि, कई लोग इनमें अंतर को लेकर दुविधा में पड़ जाते हैं। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि चुनावी प्रक्रिया में कहां इस्तेमाल होते हैं ये शब्द और उम्मीदवारों से क्या है इनका संबंध।
क्या होता है Nomination
भारतीय निर्वाचन आयोग की ओर से चुनाव की घोषणा होने के बाद राजनीतिक पार्टियां अपनी ओर से चुनावी मैदान में उतर प्रत्याशियों को नामांकित करती हैं। नामांकित उम्मीदवारों की ओर से निर्वाचन आयोग में चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन दर्ज कराते हैं। उम्मीदवारों द्वारा दर्ज किए गए नामांकन की निर्वाचन आयोग की ओर जांच की जाती है कि उम्मीदवार चुनाव लड़ने के योग्य है या नहीं। सभी जरूरी योग्यताओं को पूरा करने के बाद प्रत्याशी का नामांकन दर्ज हो जाता है, जिसके बाद उसे संबंधित चुनावी क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिल जाती है, यानि वह अपने क्षेत्र से चुनावी प्रत्याशी घोषित हो जाता है।
क्या होता है Appointment
Appointment चुनावी प्रक्रिया में सबसे अंतिम प्रक्रिया होती है। कोई भी प्रत्याशी जब चुनाव में विजयी होता है, उसके बाद प्रत्याशी को उसके पद की शपथ दिलाई जाती है, जिसके बाद वह अपने पद पर नियुक्त हो जाता है। इस प्रकार यह वह चरण होता है, जब नामांकन से शुरू हुई प्रक्रिया का समापन होता है। पद पर नियुक्त होने वाले व्यक्ति को गोपनीयता की शपथ दिलाने के बाद एक निश्चित अवधि तक काम करना होता है, जिसके बाद दोबारा से संबंधित पद पाने के लिए दोबारा से इसी प्रक्रिया का पालन करना होता है।
क्या होता है कानूनी अधिकार
Nomination और Appointment को लेकर कानूनी अधिकार भी है। उदाहरण के तौर पर यदि आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं है, तो आप किसी भी व्यक्ति को नॉमिनेट या अपाइंट कर सकते हैं, जो कि आपकी जगह काम कर सकता है। हालांकि, अंतिम फैसला लेने का अधिकार आपके पास सुरक्षित रहता है।
Nomination और Appointment में प्रमुख अंतर
-Nomination चुनाव से पहले की प्रक्रिया होता है, जिसमें उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन कराना होता है, जबकि Appointment चुनाव के बाद की प्रक्रिया है। इसके तहत उम्मीदवार चुनाव जीतने के बाद नियुक्त होता है।
-Nomination एक या इससे अधिक व्यक्ति का हो सकता है, जबकि Appointment
सिर्फ एक ही व्यक्ति का हो सकता है।
-Nomination को निरस्त भी किया जा सकता है, जबकि Appointment के बाद पद से हटाने के लिए एक कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होता है।
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