ज्ञातव्य है कि भारत अपनी आवश्यकता का केवल 20% कच्चे तेल का उत्पादन करता है और बकाया का विदेश से आयात करना पड़ता है. भारत के कुल आयात में कच्चे तेल और सम्बंधित उत्पादों का योगदान लगभग 22% है. इसके बाद दूसरे नंबर पर पूंजीगत सामान (मशीनरी, धातु, परिवहन उपकरण) का नम्बर आता है जो कि कुल आयात का 19.2% है. भारत की ओर से आयात की जाने वाली तीसरी सबसे बड़ी आयातित मद है जवाहरात और आभूषण जो कि कुल आयात का 16.8 प्रतिशत है.
इस लेख में भारत की ओर से आयात किये जाने वाले 7 सबसे बड़े आयातित उत्पादों के बारे में बताया गया है.
सेक्टर/क्षेत्र | आयात में % भागीदारी , अप्रैल- नवम्बर, 2017-18 | विकास दर (%) , अप्रैल-नवम्बर, 2017-18 |
1. पेट्रोलियम तेल और सम्बंधित उत्पाद | 22.0 | 21.9 |
2. पूंजीगत वस्तुएं (मशीनरी) (मेटल) (परिवहन उपकरण) | 19.2 8.3 6.0 3.3 | 11.3 16.8 26.5 -18.3 |
3. रत्न और आभूषण (सोना) (मोती और कीमती पत्थर) (चांदी) | 16.8 7.8 7.6
0.8 | 53.6 46.4 47.7 90.0 |
4. रासायन और संबंधित उत्पाद (जैविक रसायन) (उर्वरक) | 12.7 2.6 1.3 | 16.3 23.8 -5.0 |
5. इलेक्ट्रॉनिक सामान | 11.4 | 29.7 |
6. कृषि और संबद्ध उत्पाद | 5.6 | 11.4 |
7. अयस्क और खनिज (कोयला, कोक, आदि) | 6.6 4.8 | 55.6 58.1 |
कुल आयात | 100.0 | 22.4 |
भारत के आयात के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. उपरोक्त तालिका के आंकड़े देखने से यह स्पष्ट पता चलता है कि पेट्रोलियम तेल और सम्बंधित उत्पाद भारत के आयात बिल की सबसे बड़ी मद है जो कि कुल आयात में 22% हिस्सेदारी के लिए जिम्मेदार है. इसके बाद जवाहरात और आभूषण क्षेत्र का योगदान (16.8%) है.
2. वित्तीय वर्ष 2017-18 में; रत्न और आभूषण, अयस्क & खनिजों और इलेक्ट्रॉनिक सामान के आयात की औसत विकास दर 50% के लगभग थी. जबकि पेट्रोलियम और सम्बंधित उत्पादों की विकास दर 22% और रसायन और संबंधित उत्पादों की विकास दर इसी अवधि में 16.3% थी.
3. परिवहन उपकरण और उर्वरक ही केवल ऐसे दो आइटम हैं जिनकी आयात वृद्धि दर 2017-18 में अप्रैल से नवम्बर के दौरान नकारात्मक रही है.
ऊपर दिए गए आंकड़े विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होते हैं इसलिए विद्यार्थियों को इन्हें ध्यान से पढने की जरूरत है.
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