विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेज जैसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institutes of Technology), राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (National Institute of Technology), भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institutes of Information Technology) इत्यादि में दाखिला लेने के लिए विद्यार्थिओं को इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जैसे JEE (JEE Main & JEE Advanced), UPSEE/UPTU, WBJEE, SRMJEEE, VITEEE इत्यादि की परीक्षा में अच्छी रैंक लानी पड़ती है.
अब कुछ ही महीनों में विद्यार्थी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा देंगे और हम आशा करते हैं वे अच्छी रैंक लाने में सफल होंगे, किंतु केवल इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में अच्छी रैंक लाना ही काफी नहीं होता. विद्यार्थियों को कॉलेज में दाखिला लेने से पहले बहुत सी बातों का ध्यान रखना चाहिए. आज हम आपको ऐसी ही कुछ बातों के बारे में बताने जा रहें हैं.
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आइए विस्तार से पढ़ते हैं उन बातों के बारे में:
1. रैगिंग(Ragging):
भारत के उच्चतम न्यायलय द्वारा रैगिंग पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगा दिया गया है. इसलिए विद्यार्थियों को इससे घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है. रैगिंग को रोकने की जिम्मेदारी पूरी तरह से कॉलेज की होती है. इसके लिए कॉलेज में अनेक CCTV कैमरा लगाये जाते हैं जिससे आसानी से निगरानी राखी जा सके. इसके साथ-साथ रैगिंग करने पर क़ानूनी तौर पर सज़ा देने का भी प्रावधान है. किंतु विद्यार्थियों को अपने कॉलेज के सीनियर्स से बातचीत करते रहना चाहिए क्योंकि भविष्य में वे निश्चित ही उनकी सहायता कर करेंगे. रैगिंग होने पर विद्यार्थी अपने कॉलेज में Anti Ragging Cell में संपर्क सकते हैं.
2. हमेशा विनम्र और ओपन माइंडेड (open Minded) रहें:
अब आप कॉलेज के स्टूडेंट्स बनने वाले हो. यही समय होता है कि जब आप अपने घर के बजाय हॉस्टल में रहना शुरू करने वाले होते हो. ऐसा हो सकता है कि आपके और आपके रूम मेट (Room mate) की सोच में बहुत अंतर हो, किंतु आपको अपने रूम मेट के विचारों का सम्मान करना चाहिए और विनम्र रहना चाहिए.
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3. पढ़ाई कैसे करें:
यह सुनिश्चित कर लें कि आप कॉलेज जा कर पढ़ाई कर रहें हैं क्योंकि आपके हॉस्टल और कॉलेज की फीस बहुत ही अधिक होती है. अधिकतर विद्यार्थी कॉलेज जाने के बाद परीक्षा पास करने के लिए परीक्षा से केवल 1-2 दिन पहले पढ़ना शुरू करते हैं. ऐसा करने से वोह पास तो हो जाते हैं किंतु उन्हें लम्बे समय तक कुछ याद नहीं रहता. कॉलेज में दाखिला लेने के बाद पहले सेमेस्टर में विद्यार्थियों को हमेशा यह सोचना चाहिए कि वे कैसे अच्छे से पढ़ाई कर सकते हैं और उनको कहाँ मेहनत करने की आवश्यकता है .कॉलेज से पास होने के बाद आपको उन सारी जानकारियों और कॉन्सेप्ट्स की ज़रूरत पड़ेगी जिसको आप अभी पढ़ रहे हैं . अगर आप कोर कंपनी में काम करने जारहे है तो आप के लिए बहुत मुश्किल होगा अगर आपका कांसेप्ट अच्छे तरीके से क्लियर नही है.
4. जेब खर्च का प्रयोग कैसे करें:
आपका जेब खर्च चाहे जितना भी हो, किंतु आपको हमेशा पैसे की ज़रूरत पड़ ही जाती है. अंतिम महीने में आपको अपने मित्रों से उधार लेना ही पड़ता हैं. अगर आपको ऐसा लगता है कि महीने के अंत में आपके पास पैसे की कमी हो जायेगी तो आपको अपने खर्चों में कटोती करना पहले से ही शुरू कर देना चाहिए. आजकल बैंक विद्यार्थियों को credit card भी ऑफर करने लगे हैं, किंतु उनको इससे दूर ही रहना चाहिए. कॉलेज समय में विद्यार्थियों को ऐसा पैसा खर्च करने की आवशकता नहीं है जो उनके पास है ही नहीं.
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5. सही समय पर कैसे उठे:
जब विद्यार्थी स्कूल में होते हैं, तब उनके पेरेंट्स उनके उठने और सोने पर पूरी नज़र रखते हैं, किंतु कॉलेज में जाने के बाद ऐसा नहीं होता. रात में देर से सोना और सुबह देर से उठाना कॉलेज स्टूडेंट्स की सबसे बड़ी समस्या है. बहुत बार सुबह देर से उठने के कारण स्टूडेंट्स का पहला लेक्चर छूट जाता है. आप जो भी करें पर सुबह आपको जल्दि उठना चाहिए. जल्दि उठने के लिए स्टूडेंट्स को अलार्म लगाना चाहिए या फिर रात में उनको जल्दि सोना चाहिए.
6. कॉलेज में अपनी attendence का ख्याल रखें:
अधिकतर colleges में 75% attendance अनिवार्य होती है. इसलिए विद्यार्थियों को हमेशा अपनी attendence पर ध्यान देना चाहिए. 75% attendance पूरा करने का मतलब होता है कि विद्यार्थियों ने किसी भी सेमेस्टर परीक्षा देने के लिए पर्याप्त सिलेबस पढ़ लिया है. अगर विद्यार्थियों को कॉलेज की परीक्षाओं में अच्छा परफोर्म करना है तो उन्हें अपनी attendance पर पूरा ध्यान देना पड़ेगा.
7. प्रैक्टिकल classes को कभी भी नहीं छोड़ें:
विद्यार्थियों को कॉलेज में कभी भी प्रैक्टिकल classes को मिस नहीं करना चाहिए. आम तौर पर किसी भी सेमेस्टर में थ्योरी और प्रैक्टिकल का अनुपात क्रमश: 70:30 होता है. प्रैक्टिकल हमेशा थ्योरी से ज़्यादा महत्वपूर्ण होता क्योंकि इससे विद्यार्थियों को सब कुछ आसानी से समझ आ जाता है.
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निष्कर्ष:
इस लेख में दी गयी सभी बातों का पढ़ने के स्टूडेंट्स को इंजीनियरिंग कॉलेज में अच्छा परफॉर्म करने में कोई भी परेशानी नहीं होगी. इसके साथ स्टूडेंट्स के इंजीनियरिंग कॉलेज से जुड़े सभी ब्रहम भी दूर हो जाएँगे.
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