हर विद्यार्थी में होनी चाहिए ये ख़ास आदतें अगर चाहते हैं सफ़ल व सुखद भविष्य

इस लेख में हम बात करेंगे उन ख़ास आदतों और नैतिक मूल्यों की जो हर छात्र के लिए अपनानी हैं ज़रूरीl सुखद व सफ़ल जीवन व्यतीत करने के लिए इन आदतों को ज़रूर अपनाएं सभी छात्र जिससे वे अपने साथियों और अध्यापकों में बन पाएंगे प्रियl

Sep 25, 2017, 17:43 IST
Best Moral Values for Students to Learn
Best Moral Values for Students to Learn

एक सफ़ल इन्सान बनने के लिए हर व्यक्ति में कुछ ख़ास आदतें होना ज़रूरी हैं जो उसको भीड़ से अलग दिखा सकेंl सफ़लता के कदम चूमने के लिए जितनी अहमियत प्रोफेशनल स्किल्स को दी जाती है उतनी ही महत्ता नैतिक मूल्यों तथा अच्छी आदतों को भी दी जाती हैl लेकिन जिस प्रकार एक सफ़ल करियर की प्राप्ति के लिए की जाने वाली मेहनत व कोशिशें विद्यार्थी जीवन से ही शुरू हो जाती हैं ठीक उसी प्रकार अच्छे गुणों को धारण करने के प्रयत्न की शुरुआत भी विद्यार्थी जीवन से ही करनी ज़रूरी है क्यूँकि आदतें चाहे अच्छी हों या बुरी, एक या दो दिन में नहीं पाई जा सकती बल्कि ये तो सालों के प्रयास से आती हैंl आपकी आदतें ही आपके भविष्य का निर्माण करती हैंl यही अच्छी आदतें आपका चरित्र बन जाती हैंl आपके नैतिक मूल्यों व अच्छी आदतों के चलते आप अपने आस-पास के लोगों के बीच प्रिय बन जाते हैं जिससे दूसरों के साथ आपके अच्छे Personal Relations बनते हैं जो कि जीवन के हर क्षेत्र में तरक्की पाने के लिए बहुत ज़रूरी हैंl

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इस लेख के द्वारा हम छात्रों को कुछ ऐसी महत्वपूर्ण व ख़ास आदतों से परिचित करवाएंगे जिनको अपनाने से हर छात्र अपने सफ़ल भविष्य की नींव रखने के साथ ही एक कामयाब इन्सान बनने के सफ़र की शुरुआत कर सकता हैl

1. नि:स्वार्थ होकर दूसरों की मदद करना सीखें

बेशक स्कूल के छात्रों के लिए नि:स्वार्थ एक भारी-भरकम शब्द प्रतीत होता है लेकिन एक अच्छे आचरण के लिए इस शब्द का मुल्य सबसे ज़्यादा हैl नि:स्वार्थ का अर्थ है किसी प्रकार के लाभ की अपेक्षा किये बिना दूसरों की मदद करनाl अपने दोस्तों की पढ़ाई में या अन्य किसी ज़रूरत के समय सहायता ज़रूर करेंl नि:स्वार्थ सहायता ही असली संबंध व रिश्ते बनाने का सबसे बेहतरीन तरीका हैl

2. दूसरों की अच्छाइयां ढूंढ कर उनकी सराहना करना सीखें

लोगों के बीच प्रिय बनने का सबसे आसान तरीका है उनकी तारीफ़ करनाl दरअसल तारीफ़ सुनना हर किसी को पसंद है लेकिन बिना किसी कारण के की गई तारीफ़ या चापलूसी से लोग चिढ़ भी जाते हैंl इस लिए दूसरों की तारीफ़ करने से पहले, उस तारीफ़ की वजह ज़रूर जान लेंl    

आपसे मिलने वाली जायज़ प्रशंसा के लिए लोग न केवल आपकी बल्कि आपके द्वारा उनकी गतिविधियों को ध्यानपूर्वक नोटिस करने के तरीके की भी सराहना करते हैंl इससे वे अपने आप में मुकम्मल महसूस करते हुए अपनी महत्ता को समझ पाते हैं और ऐसे भाव पैदा करने के लिए उनके अन्दर आपके प्रति स्नेह और ज़्यादा बढ़ जाता हैl

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3. बोलने से ज़्यादा दूसरों की सुनने में विश्वास रखें

दूसरों से अच्छे संबंध बनाने का एक सफ़ल तरीका है ‘बात-चीत’, जिसके द्वारा आप अपने मन के भावों का आदान-प्रदान करते हैंl लेकिन ‘बात-चीत’ तब ज़्यादा असरदार हो पाती है जब आप बोलने की बजाए सुनने में अधिक विश्वास रखते होंl कभी भी बिन मांगी सलाह न देंl  दरअसल सलाह देने से बेहतर है दूसरों के विचारों को सुनना जिससे पता चलता है कि आप सही में दूसरों के विचारों की कदर करते होl जबकि सुझाव देने का मतलब है कि आप सामने वाले को नज़रअंदाज़ करते हुए एक-तरफ़ा बात-चीत कर रहे हैंl

आप सिर्फ़ तभी बोलें अगर कुछ बहुत महत्वपूर्ण है जो कि आपके लिए नहीं बल्कि दूसरों के लिए जानना ज़्यादा ज़रूरी हैl  

4. दूसरों से मेल-जोल करने से कभी पीछे न हटें

आपने ऐसे बहुत से लोगों को देखा होगा जो दूसरों से मिलने-जुलने या बात करने की बजाये अपना personal time बिताना ज़्यादा पसंद करते हैंl ऐसे लोगों के बहुत कम दोस्त बन पाते हैं और ज़रूरत के वक्त भी ये लोग अकेले ही रह जाते हैंl इसलिए self-importantance को कम आंकते हुए अपने सभी दोस्तों या रिश्तेदारों से मिलें और अच्छी बात-चीत बढ़ाएंl

5. हर शब्द सोच-विचार कर ही मुंह से निकालें

आपके मुंह से निकलने वाला हर शब्द सामने वाले के मनोभाव पे गहरा प्रभाव डालता है, इसलिए जो भी बोलें या जितना भी बोलें, सोच-विचार कर और नाप-तोल कर ही बोलेंl दूसरों की भावनाओं को आहत करने वाले शब्द कभी न बोलेंl हम सभी ऐसे लोगों से बात करना पसंद करते हैं जो खुशनुमा और उत्साही स्वाभाव के होंl आपके द्वरा बोले गये चंद प्रभावशाली लफ्ज़ दूसरों के लिए उत्साहजनक कारक का काम कर सकते हैंl

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6. दूसरों की असफलताओं को गिनाने से बेहतर अपनी कमियों को परखें

अक्सर हमें दूसरों की कमियों पे बात करना या दूसरों की बुराई करना अच्छा लगता है लेकिन हमें ऐसे लोग शायद ही पसंद होंगे जो दूसरों की बुराइयों पे बात करते हैंl इसलिए दूसरों की Good Books में शामिल होने के लिए उनकी कमियों पे बात करने की बजाये उनकी अच्छी क्वालिटीज़ के बारे में बात करनी चाहिएl  इसके आलावा दूसरों की असफलताओं को गिनने से बेहतर होगा कि हम अपनी कमियों पे गौर फरमाएं और उनको सुधारने पे काम करेंl जो व्यक्ति अपनी कमियों को दूसरों के सामने स्वीकारता है, उसके प्रति लोगों के दिलों में एक अलग सम्मान पैदा होता हैl

निष्कर्ष:

सुखद व सफ़ल जीवन व्यतीत करने के लिए दूसरों से अच्छे संबंध कायम करना बेहद ज़रूरी है जिसके लिए हमारे भीतर नैतिक मूल्य कूट-कूट कर भरे होने चाहिएl अच्छी आदतें व अच्छा आचरण सफ़ल व्यक्ति की पहली पहचान होते हैंl

Gurmeet Kaur
Gurmeet Kaur

Assistant Manager

Gurmeet Kaur is an Education Industry Professional with 10 years of experience in teaching and creating digital content. She is a Science graduate and has a PG diploma in Computer Applications. At jagranjosh.com, she creates content on Science and Mathematics for school students. She creates explainer and analytical articles aimed at providing academic guidance to students. She can be reached at gurmeet.kaur@jagrannewmedia.com

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