जैसा कि हम जानते हैं की बिहार बोर्ड 2018 की परीक्षा का result कई चरणों में घोषित किया गया था जो की मैनली जून के महीने में हुआ था. Result आने के बाद बहुत सरे छात्र ऐसे होते हैं जो की अपने result से सहमत नही होते और उनको लगता है कि उनके मार्क्स अपेक्षा से काफी कम हैं. ऐसा उन छात्रों के साथ होता है जिनको अपनी पढ़ाई पर बहुत अधिक भरोसा होता है. ऐसा ही एक केस बिहार बोर्ड के एक छात्र के साथ पेश आया है.
सारण जिले के निवासी सौरभ कुमार ने अंग्रेजी के पेपर में 50 में से 32 अंक हासिल किए थे. स्क्रूटनी के बाद उसके 32 नंबर घटकर केवल 2 ही रह गए. हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि बोर्ड की तरफ से हुए 'क्लैरिकल एरर' की वजह से स्टूडेंट फेल हो गया.
पटना हाई कोर्ट ने बोर्ड परीक्षा में सौरभ कुमार को गलत तरीके से फेल घोषित करने पर बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड (बीएसईबी) पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. पिछले साल हुई परीक्षा में सौरभ कुमार नामक छात्र बोर्ड की गलती की वजह से इंग्लिश के पेपर में फेल हो गया था.
सौरभ कुमार ने इस मामले को लेकर केस दर्ज किया था और केस किए जाने के बाद बोर्ड ने अपने स्तर से सौरभ की कॉपी की स्क्रूटिनी कराई. बोर्ड ने अपनी गलती सुधारते हुए छात्र को प्रथम श्रेणी से पास का रिजल्ट जारी किया. लेकिन रिजल्ट में पिछले दिनों सुधार किया गया और तारीख मई 2017 दी गई.
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