केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने मूल्यांकन प्रणाली की समीक्षा के लिए दो कमेटियों का गठन किया है। 12वीं के परीक्षा परिणाम में कुछ विद्यार्थियों के अंकों में काफी गड़बड़ी सामने आने के चलते यह कदम उठाया गया है। सीबीएसई के मुताबिक मूल्यांकन प्रणाली में आ रही समस्याओं की गहराई से छानबीन के लिए कमेटी में वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया है। एक कमेटी मूल्यांकन प्रणाली, परीक्षा के बाद की प्रक्रिया की विसंगतियों की पहचानकर उनका विश्लेषण करेगी और मूल्यांकन प्रणाली की मजबूती व उसमें सुधारात्मक उपायों पर अपनी रिपोर्ट दो महीनों में जमा करेगी
दूसरी कमेटी मूल्यांकन प्रणाली को मजबूती प्रदान करने, उसमें प्रणालीगत सुधार के लिए अध्ययन और विश्लेषण के बाद अपनी रिपोर्ट तीन महीने में सीबीएसई को सौंपेगी। गौरतलब है कि परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी के चलते सीबीएसई को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा। सोमवार को उसने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा था मानवीय भूल के कारण यह चूक हुई है।
पुनर्मूल्यांकन के सीबीएसई के नोटिफिकेशन की समीक्षा करेगा हाई कोर्ट
उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन पर रोक संबंधित सीबीएसई के नोटिफिकेशन के खिलाफ देश भर में लगाई जा रही याचिकाओं को देखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने इसकी समीक्षा करने का निर्णय लिया है। न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति एके चावला की खंडपीठ ने कहा कि वह नोटिफिकेशन जारी करते वक्त सीबीएसई के अधिकारियों की मीटिंग के मिनट्स पर विचार करेंगे। ताकि पुनर्मूल्यांकन को रद करने का नोटिफिकेशन लाते वक्त सीबीएसई के तर्कों को समझा जा सके। दिल्ली हाईकोर्ट इससे पहले मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कह चुका है कि अगर सीबीएसई छात्रों के अंक जोड़ के दौरान गलती कर सकता है तो छात्रों की उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन के दौरान भी गलती की संभावना है।
एक न्यूज रिपोर्ट में कहा गया था कई छात्रों के पुनर्मूल्यांकन के दौरान अंक में 35 से 40 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ। सीबीएसई की कहना है कि मीडिया इस मुद्दे की सनसनीखेज बनाने का प्रयास कर रहा है। हाईकोर्ट के समक्ष सऊदी अरब में सीबीएसई की परीक्षा देने वाले छात्र व दिल्ली के कुछ छात्रों की याचिका पर सुनवाई चल रही है। इन छात्रों ने ओडिशा हाईकोर्ट द्वारा सीबीएसई को 150 छात्रों की उत्तर पुस्तिका के पुनर्मूल्यांकन का आदेश देने पर समानता के आधार पर दिल्ली हाईकोर्ट में उनकी उत्तर पुस्तिका का पुनर्मूल्यांकन करने की याचिका लगाई है।
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