हमारा देश भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. इन दिनों हमारे देश में कुछ राज्य विधानसभाओं के लिए इलेक्शन होने वाले हैं जिनके नतीजे भी जल्दी ही निकलेंगे. हमारे देश में इस समय इलेक्शन की सरगर्मियां हैं, ऐसे में अगर आपको आने वाले इन इलेक्शनों में एक इलेक्शन एनालिस्ट के तौर पर काम करना हो तो आप अपने काम और जिम्मेदारी को लेकर कुछ उत्साह और कुछ तनाव जरुर होगा क्योंकि यह जाहिर-सी बात है कि एक इलेक्शन एनालिस्ट के तौर पर आपकी जिम्मेदारी काफी अधिक होंगी.
सबसे पहले तो हम भारत के कुछ लोकप्रिय इलेक्शन एनालिस्ट्स के नाम आपको जरुर बताना चाहते हैं जैसे, प्रन्नॉय रॉय, जीवीएल नरसिम्हा राव, योगेन्द्र यादव,रंजित चिब और विनोद दुआ. ये प्रोफेशनल्स लगातार कई वर्षों से इंडियन इलेक्शन्स के दौरान लोगों को जनता के रुझान की जानकारी देते हैं और अपने काम के जरिये इन्होनें भारत में अपनी विशेष पहचान कायम कर ली है. भारत में प्रन्नॉय रॉय, जो अब एनडीटीवी के को-फाउंडर हैं, को इंडियन सेफ़ोलॉजी का जनक माना जाता है. दरअसल, भारत में सेफ़ोलॉजी/ इलेक्शन एनालिसिस की शुरुआत प्रन्नॉय रॉय ने ही की थी.
आजकल टीवी और रेडियो के अलावा, विभिन्न सोशल मीडियाज में भी इलेक्शन एनालिसिस से जुड़े कार्यक्रम काफी पसंद किये जाते हैं. इसलिए, इस आर्टिकल में हम आपके लिए भारत में एक कामयाब इलेक्शन एनालिस्ट बनने के लिए जरुरी क्वालिफिकेशन्स और उनके करियर स्कोप की महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं.
भारत में इलेक्शन एनालिस्ट के लिए जरुरी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन
किसी मान्यताप्राप्त एजुकेशन बोर्ड से आर्ट्स के विभिन्न विषयों – राजनीति विज्ञान, इतिहास, अर्थशास्त्र और भूगोल – सहित अपनी 12वीं क्लास पास करने वाले स्टूडेंट्स जिन्होंने राजीति से जुड़े निम्नलिखित विभिन्न विषयों में किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन/ पोस्टग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की हो:
• बीए/ एमए – पोलिटिकल साइंस
• बीए/ एमए – सोशियोलॉजी
• बीए/ एमए – स्टैटिस्टिक्स
• पीएचडी – पोलिटिकल साइंस.
महत्वपूर्ण जानकारी: पिछले कुछ वर्षों से हमारे देश की कुछ प्रमुख यूनिवर्सिटीज ने सेफ़ोलॉजी में सर्टिफिकेट कोर्सेज शुरू किये हैं ताकि इस पेशे में एक्सपर्ट्स की बेहतरीन टीमें तैयार हो सकें.
भारत में इलेक्शन एनालिस्ट का करियर स्कोप
वास्तव में इलेक्शन एनालिस्ट अपने संबंधित क्षेत्र, राज्य या पूरे देश के स्तर पर विभिन्न पिछले इलेक्शनों के नतीजों के साथ ही मौजूदा इलेक्शन के लिए विभिन्न प्रमुख क्षेत्रीय, राज्य और राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के प्रति जनता-जनार्दन के रुझान और अन्य संबंधित जानकारियों का बड़ी ही बारीकी से विश्लेषण करके, इलेक्शन संपन्न हो जाने के बाद और इलेक्शन के नतीजे घोषित किये जाने से पहले अपने पूर्वानुमान रेडियो, टीवी और आजकल तो विभिन्न सोशल मीडिया साधनों के जरिये लोगों के सामने रखते हैं. ये पेशेवर इलेक्शन नतीजे घोषित हो जाने के बाद होने वाली राजनीतिक सरगर्मियों पर भी खुलकर चर्चा करते हैं जैसेकि कौन-कौन से राजनीतिक दल आपस में समझौता कर सकते हैं? देश के प्रधानमंत्री कौन बन सकते हैं? अगर किसी भी दल को जनरल इलेक्शन में स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है तो फिर कौन से प्रमुख लीडर्स देश के प्रधानमंत्री बनने के संभावित उम्मीदवार होंगे?. आजकल देश के विभिन्न राजनीतिक दल भी इनकी सेवायें लेते हैं क्योंकि इन राजनीतिक दलों को भी जनता के रुझान की महत्वपूर्ण जानकारी इलेक्शन एनालिस्ट्स के विभिन्न इलेक्शनों से संबंधित रिसर्च वर्क और इलेक्शन एनालिसिस से प्राप्त होती है. ये पेशवर विभिन्न राजनीतिक दलों के पोलिटिकल एडवाइजर के तौर पर भी काम करते हैं.
भारत में इलेक्शन एनालिस्ट का सैलरी पैकेज
चूंकि इस पेशे का महत्व देश में समय-समय पर होने वाले इलेक्शन्स के दौरान ही पता चलता है इसलिए इस पेशे के लिए कोई निश्चित सैलरी पैकेज निर्धारित नहीं है. इलेक्शन के दिनों में ये पेशेवर विभिन्न प्रोजेक्ट्स के आधार पर अपनी सेवाएं काफी बढ़िया इनकम पर ऑफर करते हैं. लेकिन बड़े मीडिया हाउसेज इलेक्शन के दिनों में इन पेशेवरों को विभिन्न इलेक्शन प्रोजेक्ट्स के लिए लाखों रुपये तक अदा करते हैं. इन पेशेवरों की लोकप्रियता और कार्य-अनुभव के मुताबिक विभिन्न इलेक्शन प्रोजेक्ट्स के लिए इन्हें विभिन्न पैकेजेज पर हायर किया जाता है.
भारत में इलेक्शन एनालिस्ट के लिए टॉप जॉब प्रोवाइडर्स
• टीवी चैनल्स/ रेडियो
• न्यूज़पेपर्स/ न्यूज़ मैगजीन्स
• रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन्स
• राजनीतिक दल
• पार्लियामेंट
• मार्केट रिसर्च
• फ्रीलांसिंग
जॉब, इंटरव्यू, करियर, कॉलेज, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स, एकेडेमिक और पेशेवर कोर्सेज के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने और लेटेस्ट आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट www.jagranjosh.com पर विजिट कर सकते हैं.
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