हमारे देश में कई स्टूडेंट्स अपनी 12वीं क्लास पास करने के बाद किसी सरकारी विभाग या प्राइवेट फर्म में स्टेनोग्राफर की जॉब ज्वाइन करना चाहते हैं क्योंकि स्टेनोग्राफर का पे-स्केल किसी टाइपिस्ट या क्लर्क से ज्यादा होता है. एक स्टेनोग्राफर एक बढ़िया टाइपिस्ट तो हो सकता है लेकिन हरेक टाइपिस्ट अक्सर एक स्टेनोग्राफर नहीं होता है. इसी तरह, किसी क्लर्क को टाइपिंग तो आ सकती है लेकिन, शॉर्टहैंड का स्किल हरेक क्लर्क के पास नहीं होता है. स्टेनोग्राफर्स किसी टीवी शो में बोलने वाले व्यक्तियों की बातचीत टाइप कर सकते हैं. किसी कोर्टरूम में जज, वकील या गवाह जो कुछ बोलते हैं, उसे तुरंत टाइप करने वाला व्यक्ति ही दरअसल एक स्टेनोग्राफर होता है.
आज भी स्टेनोग्राफर मॉडर्न ऑर्गेनाइजेशनल स्ट्रक्चर के लिए आवश्यक प्रोफेशन है. आज के इस इंटरनेट और कंप्यूटर के दौर में भी, स्टेनोग्राफी का महत्व बना ही हुआ है. स्टेनोग्राफी में दो अलग-अलग वर्क स्किल्स - टाइपराइटिंग और शॉर्टहैंड शामिल होते हैं. स्टेनोग्राफी में शॉर्टहैंड, ट्रांसक्रिप्शन और टाइपराइटिंग के स्किल्स शामिल होते हैं. आसान शब्दों में, शॉर्टहैंड संक्षिप्त प्रतीकात्मक राइटिंग मेथड है. और इसकी राइटिंग-स्पीड काफी तेज़ होती है. एक सफल स्टेनोग्राफर बनने के लिए आपको बड़ी तेज़ी से लिखना या टाइप करना होता है जिसके लिए आपको शॉर्टहैंड अवश्य सीखनी चाहिए. आइये इस आर्टिकल में हम स्टेनोग्राफी के बारे में विस्तार से चर्चा करें:
दुनिया में स्टेनोग्राफी की शुरुआत
पिटमैन शॉर्टहैंड को सबसे पहले वर्ष 1837 में इंग्लिश टीचर सर इसाक पिटमैन ने शुरू किया था. तबसे शॉर्टहैंड में कई बार सुधार हो चुका है. पिटमैन के सिस्टम को पूरी दुनिया में इंग्लिश-स्पीकिंग लोग इस्तेमाल करते हैं और अब तक लैटिन भाषा सहित कई अन्य भाषाओँ में शॉर्टहैंड का विकास हो चुका है.
‘स्टेनो मशीन’ के बारे में जानकारी
यह एक ऐसी स्पेशल स्टेनोटाइप मशीन होती है जिसे स्टेनोग्राफर या स्टेनो राइटर शॉर्टहैंड के लिए इस्तेमाल करता है. इसमें केवल 22 कीज़ होती हैं और अक्सर स्टेनोग्राफर एक बार में कई कीज़ को एक-साथ प्रेस करता है.
स्टेनोग्राफी का परिचय
“शॉर्टहैंड, जिसे स्टेनोग्राफी के तौर पर भी जाना जाता है, तीव्र लेखन का एक तरीका/ सिस्टम है जिसमें लेटर्स, वर्ड्स या फ्रेजेस के लिए सिंबल या एबरीविएशन्स का इस्तेमाल किया जाता है.” शॉर्टहैंड या स्टेनोग्राफी का इस्तेमाल बोले जाने वाले शब्दों के ट्रांसक्रिप्शन या प्रतिलेखन के लिए काफी स्पीड से लिखने के लिए किया जाता है.
स्टेनोग्राफर बनने के लिए जरूरी शर्तें:
- भारत में एसएससी स्टेनोग्राफर रिक्रूटमेंट एग्जाम में शामिल होने के लिए, कम से कम एजुकेशनल क्वालिफिकेशन के तौर पर, आपने किसी मान्यताप्राप्त बोर्ड या यूनिवर्सिटी से 10+2 का एग्जाम पास किया हो या आपके पास इसके समान एजुकेशनल क्वालिफिकेशन होनी चाहिए.
- आपको शॉर्टहैंड की अच्छी जानकारी होनी चाहिए. आप शॉर्टहैंड की कम या गलत जानकारी के आधार पर अपनी स्पीड नहीं बना सकते हैं.
- आप जो भी शॉर्टहैंड में लिखें, उसे फाइनल करने से पहले एक बार अवश्य पढ़ें.
- शॉर्टहैंड में महारत हासिल करने के लिए रोज़ाना लगातार प्रैक्टिस करना अत्यंत महत्वपूर्ण है.
- अपने पेशे के प्रति रखें पॉजिटिव रवैया.
- टाइपिंग और शॉर्टहैंड स्टेनोग्राफी के लिए अत्यंत आवश्यक स्किल-सेट्स हैं.
- एक सफल और स्किल्ड स्टेनोग्राफर बनने के लिए आपके पास संबद्ध लैंग्वेज में मास्टरी होने के साथ ही आपको ग्रामर की भी काफी अच्छी जानकारी होनी चाहिए.
- स्टेनोग्राफर्स को अपने पेशे में ईमानदारी और निष्ठापूर्वक काम करना चाहिए क्योंकि वे काफी महत्वपूर्ण सरकारी और गैर-सरकारी पोस्टों पर काम करते हैं.
- स्टेनोग्राफर्स को अपने पेशे में आने वाली चुनौतियों के लिए हमेशा तैयार रहना होगा.
स्टेनोग्राफर के लिए आयु सीमा:
आमतौर पर स्टेनोग्राफर की पोस्ट के लिए 18 – 25 वर्ष की आयु के लोग एसएससी का स्टेनोग्राफर एग्जाम देने के लिए योग्य होते हैं लेकिन भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न आरक्षित वर्गों के लिए निर्धारित नियमों के अनुसार अधिकतम आयु में छूट दी जाती है.
भारत में स्टेनोग्राफर्स का सेलेक्शन प्रोसीजर:
- रिटन/ कंप्यूटर आधारित एग्जाम
कैंडिडेट्स को जनरल नॉलेज, जनरल इंग्लिश, हिंदी, जनरल मैथमेटिक्स और रीजनिंग का एग्जाम देना होता है. कैंडिडेट्स ऑनलाइन सैंपल एग्जाम्स की प्रैक्टिस करके स्टेनोग्राफी के एग्जाम के लिए तैयारी कर सकते हैं
- स्किल टेस्ट:
टाइपिंग/ ट्रांसक्रिप्शन टेस्ट:
प्रतिलेखन या ट्रांसक्रिप्शन और टाइपिंग स्किल के लिए, कैंडिडेट्स को स्टेनोग्राफर ग्रेड 'सी' की पोस्ट के लिए 100 वर्ड प्रति मिनट की गति से इंग्लिश/ हिंदी में 10 मिनट के लिए डिक्टेशन लेनी होती है और स्टेनोग्राफर ग्रेड 'डी' की पोस्ट के लिए 80 वर्ड प्रति मिनट की गति से इंग्लिश/ हिंदी में 10 मिनट के लिए डिक्टेशन लेनी होती है. उसके बाद कंप्यूटर पर उस मैटर को शॉर्टहैंड में लिखना होता है.
शॉर्टहैंड टेस्ट:
स्टेनोग्राफर ग्रेड 'सी' के लिए: 40 मिनट (इंग्लिश) 55 मिनट (हिंदी)
स्टेनोग्राफर ग्रेड 'डी' के लिए: 50 मिनट (इंग्लिश), 65 मिनट (हिंदी)
स्टेनोग्राफर का जॉब प्रोफाइल
आमतौर पर एक स्टेनोग्राफर जॉब प्रोफाइल में रोज़मर्रा के क्लेरिकल और एडमिनिस्ट्रेटिव काम जैसेकि, लेटर्स ड्राफ्टिंग, डिक्टेशन लेना, अपॉयंटमेंट्स शेड्यूलिंग, पेपर एंड इलेक्ट्रॉनिक फाइल्स तैयार करना और मेंटेन रखना, कॉलर्स को इनफॉर्मेशन देना आदि शामिल होते हैं.
स्टेनोग्राफर्स को मिलने वाला सैलरी पैकेज
आमतौर पर किसी स्टेनोग्राफर का पे-स्केल लगभग रु. 5200-20200/- रु. और ग्रेड-पे रु. 2600/- है अर्थात प्रति माह लगभग 30,000 रुपये टोटल पे मिलती है. अगर आप ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त कर लेते हैं तो आपके पे-स्केल में भारत सरकार के निर्धारित नियमों के अनुसार इजाफ़ा होता है. कैंडिडेट्स को यह ध्यान रखना चाहिए कि ग्रेड-पे विभाग के अनुसार अलग हो सकती है. मल्टी-नेशनल कंपनियों और प्राइवेट सेक्टर में भी हरेक कंपनी का पे-स्केल अलग-अलग होता है.
स्टेनोग्राफर्स के लिए करियर स्कोप
विभिन्न सरकारी मंत्रालयों और विभागों के लिए एसएससी, यूपीएससी द्वारा विज्ञापित वेकेंसियों के अलावा, विभिन्न संगठन स्टेनोग्राफर की पोस्ट के लिए एप्लीकेशन्स आमंत्रित करते हैं. अन्य प्रमुख इंस्टीट्यूट्स में मल्टी-नेशनल कंपनियां, सेंट्रल सेक्ट्रेरियेट, फॉरेन सर्विस, रेलवे, हेडक्वार्टर्स ऑफ़ आर्म्ड फोर्सेज, रिसर्च, डिजाइन और मानक संगठन, इलेक्शन ऑफिस, म्युनिसिपल कारपोरेशन्स और बैंकिंग सेक्टर आदि हैं.
अगर आपके पास टाइपिंग और शॉर्टहैंड के काफी बढ़िया स्किल्स हैं और आपको स्टेनोग्राफी में काफी रूचि है तो आप अपनी 12 वीं क्लास पास करने के बाद ही स्टेनोग्राफी का कोर्स करने के बाद इस पेशे को अपने करियर के तौर पर अपना सकते हैं. इस पेशे में भी आपको तरक्की के बढ़िया अवसर मिलते हैं.
जॉब, इंटरव्यू, करियर, कॉलेज, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स, एकेडेमिक और पेशेवर कोर्सेज के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने और लेटेस्ट आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट www.jagranjosh.com पर विजिट कर सकते हैं.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation