इसमें कोई संदेह नहीं है कि कोचिंग इंस्टीट्यूट्स (संस्थान) छात्रों के करियर को एक नई दिशा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं तो इसकी महत्तवता और भी बढ़ जाती है। कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ रहे छात्रों के पास स्कूल में ही पढ़ाई करने वालों छात्रों की तुलना में एक अतिरिक्त बढ़त (ऐज) होती हैं। स्कूल परीक्षा और प्रतिस्पर्धी प्रवेश परीक्षा के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर है।
स्कूल में प्रतिस्पर्धा सिर्फ 60-100 छात्रों के बीच में होती है परन्तु प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिस्पर्धा लाखों विद्यार्थियों के बीच होती है। इसलिए अनुभवी शिक्षकों के मार्गदर्शन की बहुत जरुरत होती है।
कोचिंग क्लासेस का लाभ :
बेहतर शिक्षा के साथ-साथ किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धी माहौल होना भी आवश्यक है। कोचिंग संस्थान इन आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। वे उन बेहतर छात्रों (टॉप स्टूडेंट्स) का निर्माण करते हैं, जिनके साथ आप प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं और जांच सकते हैं कि आप प्रतिस्पर्धी माहौल में कहां खड़े हैं।

कई पुराने और अभी तक के सर्वोत्तम कोचिंग संस्थानों में कुछ महान अनुभवी शिक्षक (फैकेल्टी) हैं। छात्रों को उनके ज्ञान और अनुभव से लाभ मिल सकता है। वे पाठ्यक्रम के साथ साथ अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर भी गहरी जानकारी और समझ रखते हैं। वे आसान तरीकों के माध्यम से एक निश्चित समय अवधि के भीतर जटिल समस्या को सुलझाने में छात्रों की मदद कर सकते हैं।
कोचिंग संस्थान उचित अध्ययन सामग्री, विभिन्न प्रकार के टेस्ट भी प्रदान करता है, जैसे - साप्ताहिक (वीकली) टेस्ट, मासिक टेस्ट, विषयवार टेस्ट, पूर्ण अध्याय टेस्ट आदि। डिस्कशन क्लासेज किसी भी विषय की पूरी समझ को सुनिश्चित करतें हैं।
1. छात्रों के फीडबैक/ ट्रैक रिकॉर्ड क्या हैं?
http:// www.slideshare.net
पुराने कोचिंग संस्थान में इस बात की अधिक संभावना रहती है कि वहां प्रतिष्ठित शिक्षक (रेप्यूटेड फैकेल्टी) होंगे। इसके अलावा, शिक्षकों, अध्ययन सामग्री, टेस्ट सीरीज आदि के बारे में छात्रों से फीडबैक लेना चाहिए।
विद्यार्थी कंक्रीट डेटा के लिए इंटरनेट का सहारा लेकर गूगल भी कर सकते हैं। केवल कोचिंग सेंटर के प्रशंसापत्रों या रिसेप्शन डेस्क द्वारा दी गई सूचनाओं पर ही भरोसा ना करें।
आपको यह भी पता होना चाहिए कि कोचिंग इंस्टीट्यूट में अध्ययनरत छात्रों का परीक्षा उत्तीर्ण प्रतिशत कितना रहा है और कितने प्रतिशत तक को अंतिम चयन मिला है। इस जानकारी के लिए आप नवीनतम करियर पत्रिकाओं का सहारा ले सकते हैं और नवीनतम मुद्दों को पढ़ सकते हैं। इसके अतिरिक्त, आप कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ रहे छात्रों से भी फीडबैक प्राप्त कर सकते हैं।
यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति से सलाह लेते हैं जो पहले इस तरह की परीक्षाओं में सफल हो चुका हैं तो यह आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा।
2. शिक्षकगण कैसे हैं?
यह सबसे महत्वपूर्ण बात है, जिस पर कोचिंग इंस्टीट्यूट के चयन के दौरान ध्यान रखा जाना चाहिए।
संकाय सदस्य (फैकेल्टी मेंबर) किसी भी संस्थान की नींव होते हैं। किसी भी संस्थान का प्रदर्शन अपने संकायों पर काफी निर्भर करता है। अनुभवी शिक्षक कठिन कार्य को भी आसान बनाते हैं। वे छात्रों को पूरी तरह से गैर-विचारकों से लेकर गहन विचारकों तक में तब्दील कर देते हैं।
इसलिए, यह बेहद महत्वपूर्ण है कि शिक्षकों के बारे में पूर्व कोचिंग छात्रों से फीडबैक प्राप्त करें। आपको व्याख्याताओं (लैक्चरर) / प्रोफेसरों के क्वालीफिकेशन (योग्यता) वाली एक सूची की मांग भी संस्थान (इंस्टीट्यूट) से करनी चाहिए।
ऐसे फैकेल्टीज जिन्होंने इस तरह की परीक्षाओं में सफलता हासिल की है, वो किसी भी कोचिंग इंस्टीट्यूट के लिए एक संपत्ति की तरह हैं। उनके पास परीक्षाओं में सफलता हासिल करने के लिए आवश्यक युक्तियां (टिप्स) और रणनीतियां होती हैं। इसलिए, किसी एक संस्थान के पास आईआईटी (IIT) से पास आउट शिक्षक हैं, तो उसके पास हमेशा इसका फायदा रहेगा, क्योंकि दूसरे संस्थान के पास ऐसी सुविधा नहीं है।
इसके अलावा कोचिंग संस्थानों द्वारा आयोजित डेमो क्लास और मॉक सेशन में भी भाग लें। यह निश्चित रूप आपको बुद्धिमानी वाले निर्णय लेने में मदद करेगा
3. कोचिंग संस्थान की शुल्क संरचना क्या है?
कोचिंग संस्थान की फीस दूसरा कदम है जिसके बारे में विचार करना जरूरी हो जाता है। कोचिंग संस्थानों की फीस में बहुत बदलाव आया है। कई नए कोचिंग संस्थानों की फीस बहुत कम होती है, क्योंकि वे खुद को स्थापित करने की प्रक्रिया में होते हैं। इसके अलावा कई पुराने संस्थान छात्रों को आकर्षित करने के लिए फीस में छूट और अन्य विशेष सुविधाएं भी प्रदान करते हैं। संस्थान की शुल्क संरचना और छूट के बारे में जानकारी प्राप्त करें, लेकिन अपनी बुनियादी आवश्यकता को कभी ना भूलें जो है- गुणवत्ता परक शिक्षा।
इसके अलावा कई बार संस्थान प्रवेश परीक्षा का भी आयोजन करते हैं और उसके प्रदर्शन के आधार पर छात्र को छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप) भी प्रदान करते हैं। इसलिए, उन परीक्षाओं में भाग लें और छात्रवृत्तियों का लाभ उठाने की कोशिश करें
अगर ऐसी नौबत आती है कि आपको खराब माहौल की वजह से कोचिंग इंस्टीट्यूट छोड़ना पड़ सकता है, तो इसके लिए संस्थान के रिफंड सिस्टम के बारे में जानकारी प्राप्त कर लें।
4. क्या यह सीखने का एक आदर्श स्थान है?
https://www.pinterest.com
एक बार कोचिंग की कक्षा का मुआयना करें। सुनिश्चित करें कि कक्षाओं में ज्यादा भीड़ तो नहीं हैं। इसके अलावा एयर कंडीशनिंग, पीने के पानी आदि जैसे अन्य व्यवस्थाओं पर भी एक नजर डालें।
इस तथ्य पर विचार करें कि कोई भी शिक्षक कितना अच्छा क्यों ना हो, लेकिन एक छात्र गर्मी के दिनों में वातानुकूलित कक्ष (एयर कंडीशनिंग) के बिना बैठ नहीं सकता है।
इसके अलावा, बेहतर स्वच्छता की सुविधा की तलाश करें क्योंकि स्वास्थ्य ऐसी परीक्षाओं की तैयारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
5. अध्ययन सामग्री और पुस्तकालय तक पहुंच प्रदान की जाएगी या नहीं?
http:// sapost.blogspot.in
लगभग हर कोचिंग संस्थान अध्ययन सामग्री प्रदान करता है जिसमें बहुत सारे सुलझे और अनसुलझे प्रश्नों का समावेश होता है।
कोचिंग इंस्टीट्यूट द्वारा प्रदान की गई अध्ययन सामग्री की जांच करें। कुछ नमूना प्रतियों (सैंपल कॉपीज) को लें और इसका अध्ययन करें। एक अच्छी अध्ययन सामग्री में कठिन स्तर के विभिन्न प्रश्न होते हैं। यह आपको आसान समस्या से लेकर मुश्किल समस्या तक का एक अनुक्रमिक तरीके से निदान प्रदान करते हैं
यदि कोचिंग इंस्टीट्यूट के पास एक अच्छी लाइब्रेरी है तो यह आपके लिए बेहद उपयोगी होगा। आप हमेशा कुछ विशिष्ट विषय को पढ़ने के लिए लाइब्रेरी से एक पुस्तक उधार ले सकते हैं।
6. कोचिंग सेंटर तक पहुंचने में कितना समय लगेगा?
http://trak.in
यदि आप प्रतिस्पर्धी परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे हैं, तो आपके लिए हर मिनट का महत्व बढ़ जाता है। आपको यात्रा करने में अधिक समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।
एक छात्र जो कक्षा XI और XII में पढ़ रहा है, उसे कोचिंग क्लास के अलावा स्कूल भी जाना होता है।
यदि वह एक ऐसे कोचिंग संस्थान को चुनता है जो उसके घर से बहुत दूर स्थित है, तो वह यात्रा में अपना बहुत समय बर्बाद कर देगा। ऐसी स्थिति में स्वभाविक है कि वह थक भी जाएगा और उसे घर पर अध्ययन करने के लिए भी कम समय मिलेगा।
कोचिंग क्लास में पढ़ाया जाने वाला रीवाईजिंग कॉंसेप्ट बहुत महत्वपूर्ण होता है। यदि छात्र को घर पर पर्याप्त समय नहीं मिलता है तो वह कांसेप्ट को रीवाइज नहीं कर सकता है और इसे पूरी तैयारी प्रभावित या व्यर्थ हो सकती है।
7. क्या कोचिंग क्लास के समय और दिन आपके लिए उपयुक्त हैं?
कुछ छात्र सप्ताह के अंत(weekends) में आयोजित की जाने वाली कक्षाओं के लिए विकल्प चुनते हैं और कुछ छात्र वैकल्पिक सप्ताह(weekdays) के दिनों में वर्गों के लिए विकल्प चुनते हैं। हो सकता है कि आप सप्ताहांत विकल्प का विकल्प चुनते हैं लेकिन ग्रीष्म की छुट्टी में आप अपनी कक्षाओं को सप्ताह के दिनों में चाहते हैं, तो आप बदल सकते हैं। यदि आप वैकल्पिक सप्ताह के दिनों के विकल्प के लिए जा रहे हैं, तो पहली बात याद रखना है कि क्या समय आपको उपयुक्त है या नहीं।
8. अपडेशन हो रहा के नहीं?
चूंकि हर साल पाठ्यक्रम के पैटर्न में निरंतर परिवर्तन होता है इसलिए, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि कोचिंग सेंटर अपने अध्ययन सामग्री, अभ्यास प्रश्नों, उच्च आदेश सोच कौशल और परिवर्तन के अनुसार सामान्य दिशानिर्देशों को अपडेट करता है के नहीं।
9. क्या छात्रों के प्रदर्शन की जांच हो रही है या नहीं?
कोचिंग इंस्टीट्यूट को चुनने से पहले यह बहुत महत्वपूर्ण बात है। प्रत्येक छात्र को सीखने और समझने की विभिन्न गति है। इसलिए, वरिष्ठ नागरिकों से परामर्श किया जाना चाहिए कि प्रत्येक छात्र को उचित ध्यान दिया गया है या नहीं। क्या संस्थान साप्ताहिक या मासिक परीक्षण करता है? यह ज्ञात होना चाहिए कि छात्रों को उनके संदेह को साफ करने के लिए समय दिया जाना चाहिए या नहीं।
यदि कोई भी कोचिंग संस्थान सभी उपरोक्त आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है, तो उसमें दाखिला लेना बेहतर विकल्प है।
इंजीनियरिंग में महिलाओं का भविष्य: शीर्ष कॉलेज, शाखाएं और करियर संभावनाएं
JEE की तैयारी के लिए 12वीं के बाद एक साल ड्राप करने के फायदे और नुकसान