बच्चों का जीवन जीना कोई बच्चों का खेल नहीं है!!!
शायद आपको यह कथन थोड़ा हास्यास्पद लग रहा होगा लेकिन आप ही सोचो कि बच्चे अपने जीवन में अनेक कार्यों जैसे होम वर्क, एक्स्ट्रा क्लास, ट्युशन, हॉबी क्लास, अदि को कैसे एक साथ लेके चलते हैंl रोज़ की इस भाग-दौड़ के कारन कहीं ना कहीं उनके सवभाव में चिंता, तनाव व चिड़चिड़ापन जैसे भाव पैदा होना काफी स्वभाविक हैl इससे माता पिता, अध्यापक, स्कूल प्रशासक व समाज के सामने एक बड़ी चुनौती यह है कि किस तरह बच्चों की इन भावनाओं को नियंत्रित करते हुए उनमे सही मानसिक विकास को बढ़ावा दिया जाएl
बच्चों को सिखाएं असफ़लता का सही मतलब
‘Failure’ यानि ‘असफ़लता’, यह एक ऐसा शब्द है जिसका बच्चों के दिमाग पे सब से गहरा प्रभाव पड़ता हैl चाहे असफ़लता पढ़ाई में हो या खेलों में कुछ विद्यार्थी इसको अंतिम मौका मानकर निराश होकर रह जाते हैंl स्कूलों में अपनाए जाने वाले परम्परागत पढ़ाई के तरीके का विद्यार्थी की मानसिक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ता हैl आज कल की शिक्षा प्रणाली कुछ इस प्रकार हो गयी है जिसमे सफ़लता की परिभाषा को बिलकुल सिमित कर दिया गया हैl जैसे कक्षा 10वीं में सी.जी.पी.ऐ. (CGPA) प्रणाली के द्वारा विद्यार्थिओं के परिणाम को दर्शाया जाता है जिसमें 91 अंक हासिल करने वाले विद्यार्थी को भी A1 ग्रेड दिया जाता है और 100 अंक हासिल करने वाले विद्यार्थी को भी A1 ग्रेड ही मिलता हैl जबकि शिक्षा प्रणाली में लाये गए इस बदलाव के कारन किसी विद्यार्थी की सफलता का ब्यौरा देना मुश्किल हो गया है जिसने विद्यार्थिओं को ऐसी स्थिति में लेक खड़ा कर दिया है जहाँ वे खुद को असफ़ल के रूप में देख रहे हैंl
बच्चों को सिखाएं दिमागी सचेतन की कला जो है खुशियों की तरफ़ बढ़ती एक राह
क्या है Mindfulness?
दिमागी सचेतन जिसको आप में से ज़्यादातर लोग अंग्रेजी में बोले जाने वाले ‘Mindfulness’ के नाम से जानते होंगे, एक ऐसी कला या कह सकते हैं कि एक ऐसी चिकित्सा (Therapy) है जिसके द्वारा हमारे भीतर वर्तमान में अपने आस पास घाट रही घटनाओं या स्थितियों के प्रति जागरूकता पैदा होती है और स्थितियों को समझते हुए हम एक ऐसी प्रतिक्रिया देना सीखते हैं जिसमे उस घटना में छुपे मसले का उपयुक्त समाधान छुपा होl
दिमागी तीव्रता बढ़ाने वाले ये 8 तरीके हर विद्यार्थी के लिए जानना है बेहद ज़रुरी
Mindfulness को आप ग्रहण नहीं कर सकते बल्कि इसकी अनुभूति कर सकते हैंl दिमाग के जो हिस्से हमारे रोज़ के कार्यों व पढ़ाई के तरीकों की वजह से अनछुए रह गए हों, यह सीधे उन हिस्सों पर असर करते हुए हमारी समझने व याद करने की शक्ति को मज़बूत बनाता हैl
विद्यार्थी जीवन में Mindfulness क्यों है ज़रूरी?
विद्यार्थिओं की मानसिक स्थिति कुछ इस प्रकार होती है कि वे ज़्यादातर मौकों पे त्वरित प्रतिक्रिया (Instant reaction) देते हैं जिससे शायद कोई मसला हल होने की बजाए और उलझ जाएl अक्सर हमने देखा है कि इम्तिहान का परिणाम अच्छा ना आने पर कुछ तनावग्रस्त विद्यार्थी ऐसा कदम उठा लेते हैं जो सीधे सीधे उनके जीवन को प्रभावित करता हैl कई बार यह भी देखने में आता है कि बच्चे माता पिता या अध्यापक की किसी बात का या डांट का इतना बुरा मान जाते हैं कि वे गुस्से में आकर अपने जीवन को नुकसान तक पहुँचा लेते हैंl बच्चों के दिमाग में चल रही हल चल को समझना मुश्किल हैl ज़रूरत है तो सिर्फ़ सही मार्गदर्शन कीl इसमें Mindfulness की कला बेहद कारगर साबित हो सकती हैl बेशक हमारे किशोर इस कला को समझने के लिए उतने परिपक्व या समझदार ना हों लेकिन सीखने की क्षमता भी तो सबसे ज़्यादा उन्हीं में होती हैl
- Mindfulness का अभ्यास करने से दिमाग में सचेतना आती है जिससे हम स्थितियों को समझते हुए सही निर्णय लेने की कला सीख पाते हैंl
- Mindfulness न केवल मानसिक तनाव व चिंता को ख़तम करने में मदद करता है बल्कि हमें भीतर से भी इतना मज़बूत बना देता है जिससे भविष्य में भी किसी तरह की दबावी स्थिति का हमारे ऊपर असर न हो पाएl
- Mindfulness की प्रक्रिया को अपनाने से ना केवल बाहरी चीज़ों के लिए सचेतना आती है बल्कि व्यक्ति अपने विचारों, भावनाओं व शारीरिक उत्तेजनाओं के प्रति भी जागरूक होता है और इन सब पर नियंत्रण रखना सीख पाता हैl
जानिए 7 मज़ेदार तरीके जिनसे इंग्लिश स्पेल्लिंग व ग्रामर सीखना होगा बेहद आसान
कैसे करें Mindfulness का अभ्यास?
Mindfulness प्रक्रिया का अभ्यास करने के लिए ज़रूरी नहीं कि ध्यान या योग को अपनाया जाएl इस कला को तो आप अपने रोजमर्रा के कार्यों को करते हुए ही सीख सकते हैंl
इस कला का अभ्यास करवाने के लिए माँ बाप अपने बच्चों को निम्नलिखित प्रक्रियाओं से परिचित करवाएं:
1. अस्थिरता में भी स्थिर रहना सीखें:
इसके लिए अपनी मानसिक व शारिरिक गतिविधिओं में संतुलन बनाना ज़रूरी होगाl किसी काम को शुरू करने से पहले अपनी क्षमता को आंकें और फिर उस काम को योजनाबद्ध तरीके से कुशलतापूर्वक पूरा करने का प्रयास करेंl किसी भी तरह की बाधा आने पर दिमागी संतुलन न खोएं बल्कि उस बाधा से पार निकलने का हल निकालेंl
2. नकारात्क्मकता को सकारात्मकता में बदलें:
किसी भी कार्य में असफ़लता मिलने पर हिम्मत ना हारें बल्कि उस असफ़लता से उबरने के तरीके सोचेंl माता पिता का फ़र्ज़ है अपने बच्चों को निरंतर सकारात्मकता का पाठ पढ़ाते रहेंl उन्हें बताएं कि किस तरह अपने आस पास की स्थितियों को समझते हुए एक सही निर्णय लिया जाएl
अगर परीक्षा में करना चाहते हैं टॉप तो इस तरह बनाएं स्टडी नोट्स
3. प्रकृति की धुनों को करें महसूस:
बहते हुए झरनों की झर्झाराहट हो या चलती हुई हवाओं की संस्नाहट, पक्षियों का चहचहाना हो या पत्तो का सरसराना, कुदरत तो संगीतमय तत्वों से भरी पड़ी हैl कुदरत से आने वाली हर धुन को शान्तमय मन व दिमाग से सुनें आयर महसूस करेंl आप खुदमें एक अलग ही धीरज महसूस करेंगेl
4. अपने आस पास हर अच्छी चीज़ की प्रशंसा करना सीखें:
दूसरी चीज़ों की प्रशंसा करने से खुद को भी एक अनकही ख़ुशी प्राप्त होती है और भीतरी शांति भी मिलती हैl दूसरों द्वारा किये अच्छे कामों की सराहना करना सीखेंl किसी की सफ़लता से इर्ष्या कभी न करें बल्कि उनकी ख़ुशी में शामिल होकर उस ख़ुशी को दुगुना बनाएंl
पढ़ाई में कैसे बढ़ाएं रूचि और कैसे रहें एकाग्रित व व्यवस्थित? ये स्टडी टिप्स ज़रूर करेंगे आपकी मदद
परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ परिणाम पाने के लिए कैसा हो आपका टाइम टेबल? जानें 7 ये बातें