Short Drama Script for Independence Day 2025: स्वतंत्रता दिवस भारत के लिए सिर्फ एक राष्ट्रीय पर्व नहीं, बल्कि गर्व, बलिदान और देशभक्ति की भावना का प्रतीक है। इस दिन को स्कूलों में विशेष रूप से मनाया जाता है — जहां भाषण, देशभक्ति गीतों के साथ-साथ छोटे नाटक (short drama) या देशभक्ति स्किट बच्चों में राष्ट्रीय भावना जाग्रत करने का सशक्त माध्यम बनते हैं।
ऐसे नाटक न केवल छात्रों को भारत के स्वतंत्रता संग्राम की गहराई से पहचान कराते हैं, बल्कि उन्हें देश के लिए कुछ कर गुजरने की प्रेरणा भी देते हैं। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, यह लेख आपके लिए लेकर आया है एक जोशीला और प्रेरणादायक स्वतंत्रता दिवस पर आधारित छोटा नाटक (short drama script for Independence Day in Hindi), जिसमें 6 पात्र शामिल हैं – एक आधुनिक छात्र, उसकी दादी, और भारत के चार महान स्वतंत्रता सेनानी।
इस देशभक्ति से भरपूर नाटक के माध्यम से छात्र मंच पर भारत के इतिहास को जीवंत कर सकते हैं और दर्शकों के मन में देश के प्रति सम्मान व गर्व की भावनाजगा सकते हैं।
Patriotic Drama Script for Students in Hindi
नीचे पढ़ें स्वतंत्रता दिवस के लिए विशेष रूप से तैयार की गई यह देशभक्ति पर आधारित 6 पात्रों की प्रेरणादायक नाटक स्क्रिप्ट, जिसमें अलग-अलग दृश्यों के माध्यम से छात्रों के लिए स्वतंत्रता संग्राम की गाथा को मंच पर जीवंत किया गया है।
नाटक का शीर्षक: "आज़ादी के दीवाने"
पात्र (Characters - Total 6):
- राहुल – आज का छात्र
- दादी माँ – स्वतंत्रता सेनानी की बेटी
- भगत सिंह – क्रांतिकारी
- सुभाष चंद्र बोस – आज़ादी के नायक
- सरोजिनी नायडू – महिला स्वतंत्रता सेनानी
- बापू (महात्मा गांधी) – अहिंसा के पुजारी
प्रवेश दृश्य (Scene 1):
(राहुल मोबाइल चला रहा है। दादी माँ कमरे में आती हैं।)
दादी माँ:
राहुल बेटा, क्या कर रहे हो?
राहुल:
(बिना देखे) इंस्टाग्राम पर रील्स देख रहा हूँ दादी… सब लोग फुल डांस मूड में हैं, कल छुट्टी जो है!
दादी माँ:
(आश्चर्य से) बस छुट्टी? पता है कल क्या दिन है?
राहुल:
हाँ-हाँ, 15 अगस्त है… स्वतंत्रता दिवस।
दादी माँ:
क्या तुम जानते हो ये आज़ादी कितनी कुर्बानियों के बाद मिली है?
राहुल:
(थोड़ा ध्यान देता है) कुर्बानी तो सुना है… लेकिन कैसे?
दादी माँ:
तो आओ, मैं तुम्हें मिलवाती हूँ कुछ आज़ादी के दीवानों से…
(धीरे-धीरे लाइट डिम होती है और स्टेज पर स्वतंत्रता सेनानी एक-एक करके प्रवेश करते हैं।)
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दृश्य 2: (अतीत का दृश्य – क्रांतिकारी मंच पर आते हैं)
भगत सिंह:
"मैं भगत सिंह! मैंने हँसते-हँसते फाँसी के फंदे को चूमा ताकि भारत आज़ाद हो सके।
हमारे खून की एक-एक बूंद इस मिट्टी में मिली है… सिर्फ़ इसलिए कि आज तुम आज़ादी की हवा में साँस ले सको।
क्रांति सिर्फ़ सोच से नहीं होती, उसमें जुनून और पागलपन भी चाहिए!
मैं वही पागल था, जो देश की आज़ादी के लिए जीया… और उसी के लिए मर गया।"
सुभाष चंद्र बोस:
"मैं हूँ नेताजी सुभाष चंद्र बोस – वो सपूत जिसने भारत माँ के लिए वर्दी पहनी और दुश्मनों से सीधा युद्ध किया।
'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा' – ये सिर्फ़ नारा नहीं, मेरा संकल्प था।
मैंने आज़ाद हिंद फौज बनाई, ताकि भारत अपनी ताकत से आज़ाद हो।
हमने अंग्रेज़ों से लोहा लिया और मातृभूमि के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया।"
सरोजिनी नायडू:
"मैं हूँ सरोजिनी नायडू – नारी शक्ति की वो मिसाल, जिसने कविता की कलम को क्रांति की आवाज़ बना दिया।
मैंने महिलाओं को स्वतंत्रता आंदोलन से जोड़ा।
लाठी खाई, जेल गई… मगर रुकी नहीं।
क्योंकि भारत माँ की बेड़ियाँ मुझे बर्दाश्त नहीं थीं।
मैंने दिखा दिया कि आज़ादी की लड़ाई में औरतें भी कंधे से कंधा मिलाकर चल सकती हैं।"
बापू (महात्मा गांधी):
"मैं हूँ मोहनदास करमचंद गांधी – जिसे तुम प्यार से 'बापू' कहते हो।
मेरे पास न तलवार थी, न बंदूक… बस थी तो सत्य और अहिंसा की ताकत।
सत्य और अहिंसा से हमने अंग्रेज़ों को हिला दिया।
न दंगे किए, न खून बहाया – सिर्फ़ सत्याग्रह और न्याय की राह चुनी।
क्योंकि मेरा विश्वास था – 'आँख के बदले आँख पूरी दुनिया को अंधा बना देगी।'"
दृश्य 3: (वर्तमान में वापसी)
(सभी स्वतंत्रता सेनानी मंच से धीरे-धीरे जाते हैं। राहुल चुपचाप खड़ा है, आंखों में आंसू हैं।)
राहुल:
दादी… मुझे माफ़ करना। मैंने कभी इतना गहराई से नहीं सोचा था।
कल स्कूल में सिर्फ़ झंडा फहराना नहीं, अब मैं इन शहीदों को नमन करने भी जाऊँगा।
दादी माँ:
बिलकुल बेटा! देश की सच्ची सेवा केवल सेना में नहीं, अच्छे इंसान बनकर भी की जा सकती है।
राहुल:
मैं अब अपने दोस्तों को भी बताऊँगा कि स्वतंत्रता दिवस कोई छुट्टी नहीं, हमारी जिम्मेदारी की याद दिलाने वाला दिन है।
अंतिम दृश्य (Final Scene):
(सभी पात्र मंच पर तिरंगे के साथ खड़े होते हैं और एक साथ बोलते हैं)
सभी पात्र एक साथ (पूरा जोश, गर्व और एकता के साथ मंच पर गूंजते स्वर में):
"वंदे मातरम्!"
"भारत माता की जय!"
"भारत माता की जय!"
"जययययययय हिंद!!
निर्देश (Direction for Performance):
- हर बच्चा हाथ में तिरंगा थामे हो।
- अंतिम "जययययय हिंद" को पूरी ताकत से और लंबा खींचकर बोलें।
- सभी एक साथ हाथ में तिरंगा ऊँचा उठाएं।
- मंच का लाइट फोकस तिरंगे पर डालें।
बैकग्राउंड म्यूज़िक के सुझाव (Background Music Suggestions for Independence Day Drama)
नाटक की भावनात्मक गहराई और जोश को सही तरीके से दर्शकों तक पहुँचाने के लिए बैकग्राउंड म्यूज़िक का चयन बेहद अहम होता है। सही धुनें पात्रों के संवाद को और असरदार बना देती हैं और मंच पर माहौल को जीवंत कर देती हैं।
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प्रवेश दृश्य (Scene 1)
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पृष्ठभूमि में हल्की, भावनात्मक सारंगी या बांसुरी की धुन बजाएं।
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“Ae Watan Mere Watan” या “Desh Mere” जैसे सॉफ्ट इंस्ट्रुमेंटल वर्ज़न का इस्तेमाल करें।
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स्वतंत्रता सेनानियों का प्रवेश (Scene 2)
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हर सेनानी के प्रवेश पर उनके जोश से मेल खाने वाला इंस्ट्रुमेंटल चलाएं:
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भगत सिंह: ढोल और नगाड़ों की तेज़ धुन।
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सुभाष चंद्र बोस: देशभक्ति मार्च ट्यून (जैसे “Qadam Qadam Badhaye Ja” का इंस्ट्रुमेंटल)।
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सरोजिनी नायडू: सौम्य लेकिन दृढ़ पृष्ठभूमि संगीत।
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महात्मा गांधी: “वैष्णव जन तो तेने कहिये जे पीड़ परायी जाणे रे” का इंस्ट्रुमेंटल वर्ज़न।
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अंतिम दृश्य (Final Scene)
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जब सभी पात्र तिरंगे के साथ मंच पर हों, तब "Vande Mataram" या "Ae Mere Watan Ke Logon" का इंस्ट्रुमेंटल बैकग्राउंड में धीरे-धीरे वॉल्यूम बढ़ाते हुए चलाएं।
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मंचन और परफॉर्मेंस टिप्स (Stage Performance Tips for Students)
सही मंचन और अभिनय नाटक को साधारण प्रस्तुति से एक यादगार अनुभव में बदल देते हैं। ये टिप्स छात्रों को अपने डायलॉग और भावनाओं को दर्शकों तक गहराई से पहुँचाने में मदद करेंगे।
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डायलॉग के बाद पॉज़ – हर डायलॉग के बाद 2-3 सेकंड का पॉज़ दें ताकि दर्शक भावनाएं महसूस कर सकें।
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लाइटिंग इफेक्ट – सेनानियों के प्रवेश के समय लाइटिंग बदलें: भगत सिंह के लिए लाल-पीली, गांधी जी के लिए सफेद।
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भावनात्मक ट्रांज़िशन – राहुल के भाव बदलने (उदासीन से भावुक होने) का ट्रांज़िशन स्लो रखें ताकि दर्शक बदलाव महसूस करें।
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आवाज़ का उतार-चढ़ाव – जोश वाले डायलॉग तेज़ और दमदार, भावुक हिस्से धीमे और गहरे स्वर में बोलें।
स्वतंत्रता दिवस पर प्रस्तुत यह छोटा नाटक (Independence Day Short Drama Script in Hindi) न केवल छात्रों को देशभक्ति से जोड़ता है, बल्कि उन्हें भारत के गौरवशाली इतिहास से भी परिचित कराता है। इस प्रेरणादायक स्क्रिप्ट के माध्यम से हर छात्र स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को मंच पर जीवंत कर सकता है ताकि हर दर्शक के दिल में "जय हिंद" गूंज उठे।
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