आजकल विभिन्न बैंक मणिपाल ग्लोबल स्कूल ऑफ बैंकिंग (Manipal Global School of Banking) या एनआईआईटी स्कूल ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस (NIIT School of Banking and Finance) या किसी अन्य प्राइवेट इंस्टिट्यूट द्वारा पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बैंकिंग ऐंड फाइनेंस (पीजीडीबीएफ) प्रोग्राम के माध्यम से बैंकों के लिए प्रोबिश्नरी ऑफिसर्स की भर्ती के लिए विज्ञापन लेकर आ रहे हैं। दूसरी ओर, आईबीपीएस द्वारा प्रोबिश्नरी ऑफिसर्स भर्ती प्रक्रिया में साल-दर-साल रिक्त पदों की संख्या घटती जा रही है।
जानिए बैंकिंग परीक्षा के पैटर्न में हुए बदलाव एवं इसमें महारत हासिल करने के तरीके
ऐसा लगता है कि बैंकिंग उद्योग भविष्य में केवल पीजीडीबीएफ कार्यक्रम के माध्यम से ही भर्ती उम्मीदवारों की भर्ती करेगा। इस आर्टिकल में, हम इसे डिकोड करने का प्रयास करेंगे।
पीजीडीबीएफ कार्यक्रम (PGDBF Programme) : क्या है?
बैंकिंग और वित्त (पीजीडीबीएफ) पाठ्यक्रम में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, किसी बैंक द्वारा चुने गए इंस्टिट्यूट द्वारा बैंकिंग के विभिन्न क्षेत्रों में दिए गए गहन प्रशिक्षण से संबंधित है। उदहरण के लिए, बैंक ऑफ बड़ौदा ने छात्रो को ट्रेनिंग देने के लिए मणिपाल स्कूल ऑफ बैंकिंग के साथ गठजोड़ किया है वहीँ यूनाइटेड बैंक ने एनआईआईटी स्कूल ऑफ बैंकिंग के साथ टाई-अप किया है। इस कोर्स के दौरान आपको बैंकिंग क्षेत्र से सम्बंधित एक साल की ट्रेनिंग दी जाती है। आपको अपने स्वयं के खर्च पर यह इस ट्रेनिंग करनी होगी जिसके लिए बैंक आपको रियायती दर (concessional rate) पर लोन प्रदान करेगा। कोर्स पूरा करने के बाद जब आप बैंक में नौकरी ज्वाइन कर लेते है, तब आपको बैंक द्वारा निर्धारित निश्चित अवधि के अन्दर उस लोन को चुकाना होगा। लोन की ईएमआई (EMI) आपके मासिक वेतन से काट ली जाएगी। कोर्स पूरा होने का बाद लोन का भुगतान करने के लिए बैंक आपसे एक गारंटी बांड भी साईन कराएगा।
यदि आप बैंक पीओ परीक्षा में असफ़ल हो रहे है तो इन 6 स्टेप्स को अपनाए !
पीजीडीबीएफ प्रोग्राम : प्रास एंड कांस
विभिन्न बैंकों द्वारा ऑफर किये जाने वाले इस प्रोग्राम ने इन दिनों उम्मीदवारों द्वारा पाठ्यक्रम शुल्क, गारंटी बांड जैसे मुद्दों को लेकर बहुत-सी आलोचनाओं का सामना किया है। इसके विपरीत इन दिनों कई बैंक उम्मीदवारों की भर्ती के लिए इस तरह के कोर्स पर निर्भर हैं । आज हम यहाँ इस मुद्दे के प्रास और कांस पर चर्चा करेंगे।
• बैंको को प्रशिक्षित व्यक्तियों की आवश्यकता है: यह बात सत्य है कि किसी काम के लिए प्रशिक्षित व्यक्ति उस कार्य को ज्यादा अच्छी तरीके से कर सकता है। पीजीडीबीएफ प्रोग्राम में दिया जाने वाला प्रशिक्षण आपको बैंक में शामिल होने के बाद बैंक को बेहतर ढंग से सेवा देने में आपकी मदद करेगा। प्रशिक्षित और जानकार अधिकारी निश्चित रूप से बैंक के व्यवसाय के लिए फायदेमंद साबित होंगे।
• एम्प्लोयी रिटेंशन: एम्प्लोयी रिटेंशन पिछले कुछ समय से बैंकों के लिए एक महत्वपूर्ण समस्या बनी हुई है। इन दिनों यह बैंकिंग क्षेत्र के लिए चैलेंज है। यहाँ आपको यह समझने की ज़रूरत है कि पीजीडीबीएफ प्रोग्राम में बैंक आपको प्रशिक्षित करने के लिए पैसा खर्च कर रहा है, और बांड साईन करा रहा है जो कि एम्प्लोयी रिटेंशन को सुनिश्चित करता है।
• क्रेडिट पोर्टफोलियो का विस्तार होता है: बैंकिंग संस्थानों द्वारा प्रस्तावित प्रोग्रामस के लिए बैंक ऋण प्रदान करते हैं और बैंकों के लिए यह अच्छा है क्योंकि उन्हें पुनर्भुगतान के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि ये प्रशिक्षित अधिकारी उन्ही के बैंक में नौकरी कर रहे होंगे और यदि कोई व्यक्ति जॉब छोड़ना चाहते हैं, तो उन्हें बकाया ऋण जॉब छोड़ने के समय ही चुकाना होगा। इसलिए, बैंकों को भी शून्य जोखिम और क्रेडिट बेस के साथ उम्मीदवार मिल रहे हैं। यह बैंको के लिए हर पहलू से फायदेमंद है।
• आप एक बेहतर बैंकर बना रहे हैं: आप अपने विभिन्न विपक्षों के लिए कार्यक्रम की आलोचना कर सकते हैं लेकिन आपको यह समझने की आवश्यकता है कि यह प्रशिक्षण आपको इसलिए दिया जाता है ताकि आप एक बेहतर बैंकर बन सके और बैंक ज्वाइन करने के बाद अच्छी तरह से ग्राहकों की सेवा कर सकें। इसलिए, यदि आपका दीर्घकालिक लक्ष्य बैंकिंग में रहना है, तो यह प्रोग्राम आपके लिए बहुत उपयोगी है।
• आप वर्क कल्चर को पहले से जान लेते हैं: हां, यह संभव है क्योंकि आपको प्रोग्राम के सफल समापन से पहले बैंक की शाखाओं में इंटर्नशिप पूरा करना होता है। इंटर्नशिप आपके कोर्स का ही भाग है इससे आपको एक नियमित कर्मचारी के रूप में बैंक में शामिल होने से पहले ही वर्क कल्चर और बैंक के दिन-प्रतिदिन के संचालन के बारे में पता चल जाता है।
जानिए SBI PO Exam 2018 की तैयारी के लिए आपको कौन सा न्यूज़ पेपर पढना चाहिए
• आप सीखने की भावना आत्मसात् कर लेते है: यह सत्य है क्योंकि कोर्स में एडमिशन लेने के बाद भी आपको कठिन अध्ययन करना होगा और अपने कोर्स को पूरा करना होगा। इसके अलावा IIBF (Indian Institute of Banking and Finance) द्वारा आयोजित डीबीएफ (बैंकिंग और फाइनेंस डिप्लोमा) परीक्षा पास करनी होगी। इसलिए, नई चीजें सीखने के साथ आप सीखने की प्रवृति भी आत्मसात् कर लेंगे जो आपके कैरियर की प्रगति में आपकी बहुत मदद करेगी।
यदि आप बैंकों के दृष्टिकोण से देखगे तो यह पायेगे कि बैंकिंग और फाइनेंस कोर्स में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा में कोई बुरा पहलू नहीं है। जबकि वे उम्मीदवार के लिए जो बैंकिंग में लॉन्ग टर्म में अपने कैरियर नहीं बनाना चाहते बल्कि इसे एक सिर्फ एक कदम अर्थात स्टेपिंग स्टोन के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं,यह कोर्स उपयोगी नहीं है। बैंक इस कोर्स के माध्यम से भर्ती कर रहे है क्योकि उन्हें इस क्षेत्र में कठिन प्रतियोगिता के इस युग में प्रशिक्षित और अच्छे उम्मीदवारों चाहिए। आप बैंक पर फीस लेने का दोष नहीं लगा सकते। इसलिए, आपको अपनी प्राथमिकताओं के बारे में सोचने और निर्णय लेने की जरूरत है। यदि आप सुनिश्चित हैं कि आप कुछ अस्थायी जॉब के लिए बैंक में जाना चाहते हैं और आपका गोल सिविल सर्विसेज या कुछ और है तो यह आपके उचित विकल्प नहीं है। बैंकिंग उद्योग की ग्रोथ के लिए यह एक तर्कसंगत कदम है और ऐसा लगता है कि आने वाले दिनों में यह कोर्स और लोकप्रिय होगा।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation