UP Board कक्षा 12वीं के गणित विषय का सत्र 2018-2019 का सिलेबस हम यहाँ उपलब्ध करा रहे हैं. यहाँ सिलेबस उपलब्ध कराने का उद्देश्य छात्रों को UP Board के नए यानि की NCERT सिलेबस से अवगत करना है. अब कक्षा 12वीं के छात्रों को नए सत्र से गणित विषय की केवल एक ही परीक्षा देनी होगी, जानकारी के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें. दरअसल जहाँ पहले छात्रों को 50,50 अंकों का दो प्रश्न पत्र हल करना पड़ता था अब उसकी जगह केवल एक प्रश्न पत्र 100 अंकों का हल करना होगा. छात्रों को UP Board कक्षा 12 के गणित विषय का सत्र 2018-2019 का सिलेबस यहाँ उपलब्ध कराने का उद्देश्य यह है कि छात्र अच्छी तरह अपने बदले हुवे सिलेबस से अच्छी तरह परिचित होकर अभी से अपने आगे की पढ़ाई की रणनीति तैयार कर सकें.
कक्षा – 12 गणित
समय – 3:00 घंटा
अंक - 100
क्रम | इकाई | अंक |
1 | सम्बन्ध तथा फलन | 10 |
2 | बीजगणित | 13 |
3 | फलन | 44 |
4 | सदिश तथा त्रिविमीय जयमिति | 17 |
5 | रैखिक प्रोग्रामन | 06 |
6 | प्रायिकता | 10 |
| योग | 100 |
इकाई-1: सम्बन्ध तथा फलन 10 अंक
1.सम्बन्ध तथा फलन : सम्बन्धों के प्रकार : स्वतुल्य, सममित, संक्रामक तथा तुल्यता सम्बन्ध, एकैकी तथा आच्छादक फलन, संयुक्त फलन, फलन का व्युत्क्रम, द्विआधारी संक्रियाएँ ।
2.प्रतिलोम त्रिकोणमितीय फलन : परिभाषा, परिसर, प्रांत, मुख्य मान शाखायें, प्रतिलोम त्रिकोणमितीय फलनों के आलेख । प्रतिलोम त्रिकोणमितीय फलनों के प्रारम्भिक गुणधर्म ।
इकाई-2: बीजगणित 13 अंक
1. आव्यूह : संकल्पना, संकेतन, क्रम, समानता, आव्यूहों के प्रकार, शून्य तथा तत्समक आव्यूह, आव्यूह का परिवर्त, सममित तथा विषम सममित आव्यूह। आव्यूह पर क्रियाएँ : योग तथा गुणन और अदिश गुणन। योग, गुणन तथा अदिश गुणन के साधारण गुणधर्म । आव्यूहों के गुणन की अक्रमविनिमेयता तथा अशून्य आव्यूहों का अस्तित्व जिनका गुणन एक शून्य आव्यूह है (क्रम 2 के वर्ग आव्यूहों तक सीमित)। प्रारम्भिक पंक्ति तथा स्तम्भ संक्रियाओं की संकल्पना, व्युत्क्रमणीय आव्यूह तथा व्युत्क्रम की अद्वितीयता यदि उसका अस्तित्व है (यहाँ सभी आव्यूहों के अवयव वास्तविक संख्याएँ हैं)।
2. सारणिक : एक वर्ग आव्यूह का सारणिक (3x3 क्रम के वर्ग आव्यूह तक), सारणिकों के गुणधर्म, उपसारणिक तथा सहखण्ड, सारणिकों का अनुप्रयोग त्रिभुज का क्षेत्रफल ज्ञात करने में, सहखण्डज आव्यूह तथा आव्यूह का व्युत्क्रम | संगत, असंगत तथा उदाहरणों द्वारा रैखिक समीकरण निकाय के हलों की संख्या ज्ञात करना। दो अथवा तीन चरों में रैखिक समीकरण निकाय को (जिनका अद्वितीय हल हो) आव्यूह के प्रतिलोम का प्रयोग कर हल करना।
इकाई-3 : फलन 44 अंक
1. सततता तथा अवकलनीयता : सततता तथा अवकलनीयता संयुक्त फलनों का अवकलन, श्रृंखला नियम, प्रतिलोम त्रिकोणमितीय फलनों का अवकलन, अस्पष्ट फलनों का अवकलन, चर घातांकी तथा लघुगणकीय फलनों की संकल्पना तथा उनका अवकलन। लघुगणकीय अवकलन, प्राचल रूप में व्यक्त फलनों का अवकलन, द्वितीय क्रम के अवकलन, रोले तथा लैग्रान्ज के मध्यमान प्रमेय (बिना उपपत्ति के) तथा उनकी ज्यामितीय व्याख्या एवं अनुप्रयोग।
2. अवकलनों के अनुप्रयोग : अवकलनों के अनुप्रयोग, परिवर्तन की दर, वृद्धि/हास मान फलन, अभिलम्ब तथा स्पर्श रेखाएँ, सन्निकट उच्चतम तथा निम्नतम (प्रथम अवकल परीक्षण की ज्यामितीय प्रेरणा तथा द्वितीय अवकल परीक्षण उपपत्ति लायक टूल) सरल प्रश्न (जो विषय के मूलभूत सिद्धान्तों की समझ दर्शाते हैं तथा वास्तविक जीवन से सम्बन्धित हों) ।
3. समाकलन : समाकलन, अवकलन के व्युत्क्रम प्रक्रम के रूप में, कई प्रकार के फलनों का समाकलन–प्रतिस्थापन द्वारा, आंशिक भिन्नों द्वारा, खंडशः द्वारा, केवल निम्न प्रकार के सरल समाकलनों का मान ज्ञात करना तथा उन पर आधारित प्रश्न –
योगफल की सीमा के रूप में निश्चित समाकलन, कलन का आधारभूत प्रमेय (बिना उपपत्ति के), निश्चित समाकलों के मूल गुणधर्म तथा उसके मान ज्ञात करना।
4. समाकलनों के अनुप्रयोग –
अनुप्रयोग : साधारण वक्रों के अन्तर्गत क्षेत्रफल ज्ञात करना, विशेषतया रेखाएँ, वृत्त/परवलय/दीर्घवृत्त (केवल मानक रूप में) का क्षेत्रफल, उपर्युक्त किन्हीं दो वक्रों के बीच का क्षेत्रफल (क्षेत्र पूर्णतया परिभाषित हो)
5. अवकल समीकरण - परिभाषा, कोटि एवं घात, अवकल समीकरण का व्यापक एवं विशिष्ट हल, दिये हुए व्यापक हल वाले अवकल समीकण बनाना, पृथक्करणीय चर के तरीके द्वारा अवकल समीकरणों का हल, प्रथम कोटि एवं प्रथम घात वाले समघातीय अवकल समीकरणों का हल निम्न प्रकार के रैखिक अवकल समीकरणों का हल
इकाई-4 : सदिश तथा त्रिविमीय ज्यामिति 17 अंक
1. सदिश:
सदिश तथा अदिश, एक सदिश का परिमाण व दिशा, सदिशों के दिक् कोसाइन/दिक अनुपात, सदिशों के प्रकार (समान, मात्रक, शून्य, समान्तर तथा संरेख सदिश) किसी बिन्दु का स्थिति सदिश, ऋणात्मक सदिश, एक सदिश के घटक, सदिशों का योगफल, एक सदिश का अदिश से गुणन, दो बिन्दुओं को मिलाने वाले रेखाखण्ड को एक दिये हुए अनुपात में बाँटने वाले बिन्दु का स्थिति सदिश, परिभाषा, ज्यामितीय व्याख्या, सदिशों के अदिश गुणनफल के गुण और अनुप्रयोग, सदिशों के सदिश गुणनफल, सदिशों के अदिश त्रिक गुणनफल ।
2. त्रिविमीय ज्यामिति का परिचय -
दो बिन्दुओं को मिलाने वाली रेखा के दिक् कोसाइन/दिक अनुपात। एक रेखा का कार्तीय तथा सदिश समीकरण, समतलीय तथा विषमतलीय रेखाएँ, दो रेखाओं के बीच की न्यूनतम दूरी। एकतल के कार्तीय तथा सदिश समीकरण
(प) दो रेखाओं
(पप) दो तलों
(पपप) एक रेखा तथा एकतल के बीच का कोण।
एक बिन्दु की एक तल से दूरी।
इकाई–5 : रैखिक प्रोग्रामन 06 अंक
1. रैखिक प्रोग्रामन : भूमिका, सम्बन्धित पदों, जैसे-व्यवरोध, उद्देश्य फलन, इष्टतः, हल की परिभाषाएँ, रैखिक प्रोग्रामन समस्याओं के विभिन्न प्रकार, रैखिक प्रोग्रामन समस्याओं का गणितीय सूत्रण, दो चरों में दी गयी समस्याओं का आलेखीय हल, सुसंगत तथा असुसंगत क्षेत्र, सुसंगत तथा असुसंगत हल, इष्टतम सुसंगत हल ।
इकाई-6: प्रायिकता 10 अंक
सशर्त, (सप्रतिबन्ध) प्रायिकता, प्रायिकता का गुणन नियम, स्वतंत्र घटनाएँ, कुल प्रायिकता, बेज प्रमेय, | यादृच्छिक चर और प्रायिकता बंटन और इनका प्रायिकता वितरण, यादृच्छिक चर का माध्य तथा प्रसरण, बरनौली परीक्षण तथा द्विपद बंटन।
यहाँ हमने छात्रों को गत वर्ष रसायन विज्ञान का भी सिलेबस उपलब्ध कराया है ताकि छात्र बदले हुवे सिलेबस को ठीक तरीके से समझ सकें.
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद्, इलाहाबाद
कक्षा-12 गणित
पाठ्यक्रम तथा पाठ्य-पुस्तकें
प्रथम प्रश्न-पत्र
अधिकतम अंक : 50
इकाई | शीर्षक | अंक |
1. | बीजगणित | 22 |
2. | प्रतिलोम त्रिकोणमितिय फलन | 08 |
3. | निर्देशांक ज्यामिति | 20 |
कुल अंक- 50 |
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इकाई-1. बीजगणित
- आव्यूह (10 अंक)
संकल्पना, संकेतन, क्रम, समानता, आव्यूहों के प्रकार, शून्य आव्यूह, एक आव्यूह का परिवर्तन, सममित तथा विषम सममित आव्यूह, आव्यूहों का योग तथा अदिश गुणन योग गुणन तथा अदिश गुणन के सरल गुणधर्म। आव्यूहों के गुणन की अक्रमविनिमेयता तथा अशून्य आव्यूहों का अस्तित्व जिनका गुणन एक शून्य आव्यूह है (क्रम 2 के वर्ग आव्यूहों तक सीमित) प्रारम्भिक पंक्ति तथा स्तम्भ संक्रियाओं की संकल्पना, व्युत्क्रमणीय आव्यूह तथा व्युत्क्रम की अद्वितीयता, यदि उसका अस्तित्व है (यहाँ सभी आव्यूहों के अवयव वास्तविक संख्यायें हैं) - सारणिक (06 अंक)
एक वर्ग आव्यूह का सारणिक (3 × 3 के वर्ग आव्यूह तक), सारणिकों के गुणधर्म, उपसारणिक तथा सहखण्ड, सारणिकों का अनुप्रयोग त्रिभुज का क्षेत्रफल ज्ञात करने में सह खंडज आव्यूह तथा आव्यूह का व्युत्क्रम। संगत, असंगत तथा उदाहरणों द्वारा रैखिक समीकरण निकाय के हलों की संख्या ज्ञात करना। दो अथवा तीन चरों में रैखिक समीकरण निकाय को (जिनका अद्वितीय हल हो) के प्रतिलोम का प्रयोग कर हल करना। क्रैमर का नियम तथा इसके अनुप्रयोग। - रैखिक असमिकायें- (06 अंक)
रैखिक असमिकायें, एक चर में रैखिक असमिकाओं का बीजीय हल तथा उसका संख्या रेखा पर निरूपण। दो चरों में रैखिक असमिकाओं का आलेखीय हल।
इकाई-2. प्रतिलोम त्रिकोणमितीयफलन
परिभाषा, परिसर, प्रांत, मुख्यमान शाखायें, प्रतिलोम त्रिकोणमितीय फलनों के आलेख। प्रतिलोम त्रिकोणमितीय फलनों के प्रारम्भिक गुणधर्म। (08 अंक)
इकाई-3. निर्देशांक ज्यामिती
- शंकु परिच्छेद-शंकु परिच्छेद, दीर्घवृत्त, परिवलय एवं अनिपरवलय। एक बिन्दु, एक सरल रेखा तथा प्रतिच्छेदी रेखाओं का एक युग्म, शंकु परिच्छेद के अपभ्रष्ट रूप में। वृत्त का मानक समीकरण वृत्त का सामान्य समीकरण, दीर्घवृत्त तथा अनिपरवलय की नियता का परिचय। सरल रेखा Y=mx+c के वृत्त, परवलय, दीर्घवृत्त तथा अनिपरवलय की स्पर्श रेखा होने का प्रतिबन्ध। (14 अंक)
- त्रिकोणमीय ज्यामिती का परिचय-त्रिविसीय अंतरिक्ष में निर्देश तथा निर्देशांक तल, एक बिन्दु के निर्देशांक, दो बिन्दुओं के बीच दूरी तथा खण्ड सूत्र । (06 अंक)
गणित
द्वितीय प्रश्न-पत्र पूर्णांक: 50
इकाई | शीर्षक | अंक |
1. | अवकलन | 12 |
2. | समाकलन | 12 |
3. | अवकलन समीकरण | 06 |
4. | रैखिक प्रोग्रामन | 05 |
5. | सदिश तथा त्रिविमीय ज्यामिती | 15 |
कुल योग- 50 |
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