चौराहे पर लाल बत्ती और गाड़ियों की लंबी कतार. सभी को बत्ती हरी होने का इंतजार. तभी सफ़ेद रंग की एम्बेसडर, उपर लाल बत्ती लगी हुई, दनदनाते हुए निकल जाती है. यह कोई और नहीं, अपने जिले के डीएम साहब मतलब कलेक्टर हैं.
चौराहे पर लाल बत्ती और गाड़ियों की लंबी कतार. सभी को बत्ती हरी होने का इंतजार. तभी सफ़ेद रंग की एम्बेसडर, उपर लाल बत्ती लगी हुई, दनदनाते हुए निकल जाती है. यह कोई और नहीं, अपने जिले के डीएम साहब मतलब कलेक्टर हैं. जो कि एक आईएएस (IAS) अधिकारी हैं. वह जिले में बाढ़ पीड़ितों की सहायता करने जा रहे हैं. उनके पास पावर है, पैसा है, लोगों को मदद करने का सरकारी अधिकार है. कुल मिलाकर वह जिले के मालिक कहे जाते हैं. जिन लोगों को यह सारी बातें आकर्षित करती हैं, और यह एक ऐसा सपना प्रतीत होता है, जिसे वह हकीकत में जीना चाहते हैं, उनके लिए सिविल सेवा करियर के तौर पर सबसे अच्छा विकल्प है.
सिविल सेवा से तात्पर्य है सभी सरकारी विभाग जिनमें सशस्त्र सेनाओं से संबंधित विभाग नहीं आते हैं. तथा सिविल सेवकों से तात्पर्य है अधिकारियों का वह समूह जो सरकारी कार्यक्रमों एवं योजनाओं का क्रियान्वयन करते हैं. इनका चयन योगयता के आधार पर होता है जो लोगों की सेवा सरकारी नीतियों के माध्यम से करते हैं. सिविल सेवा अधिकारी के तौर पर महत्वपूर्ण पद ये हैं: आईएएस, आईपीएस, आईएफएस इत्यादि.
सिविल सेवाएं विश्व को फ्रांस की देन है. भारत में इसकी शुरूआत ब्रिटिश शासन के दौरान सन् 1885 में हुई. ब्रिटिश शासन के दौरान सिविल सेवा के अधिकारियों को व्यापक अधिकार प्राप्त थे तथा उनका मुख्य कार्य कानून-व्यवस्था बनाये रखना, न्याय करना तथा करों का एकत्रण था. आज का सिविल सेवक एक प्रजातांत्रिक ढांचे में कार्य करता है जिसका मुख्य कार्य विकास तथा प्रगति है. एक करियर के रूप में सिविल सेवा अनेकों युवाओं तथा अभिभावकों जो अपने बच्चों के लिए एक सुनहरे भविष्य की परिकल्पना करते हैं, हेतु आकर्षण का विषय रहा है. भारतीय सिविल सेवा को एक अति विशिष्ट सेवा के रूप समझा जाता है जो कि एक महत्वाकांक्षी, योग्य एवं आकांक्षी व्यक्ति को बेहद चुनौतीपूर्ण एवं आकर्षक करियर के अवसर प्रदान करता है जिसमें किसी भी अन्य सेवा की तुलना में विविध प्रकार के कार्य, अत्याधिक प्राधिकार एवं सत्ता निहित होती है. सामान्य तौर पर यदि एक व्यक्ति अपने लिए किसी नौकरी का चयन करता है तो निम्न बातों पर ध्यान देता है- पद, प्रतिष्ठा, कार्य-सुरक्षा, वेतन, विदेश यात्रा के अवसर, कार्य संतुष्टि इत्यादि. उपर्युक्त सभी इच्छाएं सिविल सेवा करियर में सम्मिलित हैं. यदि हम पदों की बात करें तो भारत में राजनीतिज्ञों के द्वारा सर्वोच्च पद धारित किए जाते हैं. उनके पश्चात् सचिवों का स्थान आता है जो कि आईएएस अधिकारी होते हैं. यदि शिखर पर प्रधानमंत्री या मंत्री हैं तो दूसरा स्थान सिविल सेवकों के द्वारा धारित किया जाता है.
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