जन कल्याण के लिए बनाई गई योजनाएं तभी फलीभूत होती हैं, जब उसका निर्माण और क्रियान्वयन सही तरह से किया जाए। प्रभावकारी योजना निर्माण के लिए जरूरी है कि जनसंख्या के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से गौर किया जाए। यह भलीभांति सुनिश्चित कर लिया जाए कि इसका लाभ उस वर्ग, क्षेत्र, समुदाय को ही मिलेगा, जिसको ध्यान में रखकर योजना बनाई जा रही है। यह सब तभी संभव है जब जनसंख्या के समस्त आंकडें और इनमें छिपे संकेत पूरी तरह से स्पष्ट हों। पॉपुलेशन स्टडी का विशेषज्ञ इन चीजों को आसानी से समझ जाता है। इस कारण ही आज देश-विदेश में इसके जानकारों की मांग बढती जा रही है।
शोधपरक कार्य
अगर आप इस क्षेत्र में जाना चाहते हैं तो यह समझ लें कि इसमें हर पल कुछ न कुछ नया शोधपरक काम करना होता है। जनसंख्या के आकडों में छिपे संकेतों को समझकर स्टेप बाई स्टेप उनका विश्लेषण किया जाता है। यह पूरी तरह से एकेडेमिक फील्ड है जिसमें निष्पक्ष तरीके से अंतिम निर्णय तक पहुंचा जाता है। इस काम में हुई जरा सी चूक, पूरी योजना को अर्थहीन कर सकती है।
उद्योग क्षेत्र की जरूरत
लगभग सभी बडे औद्योगिक घराने अपनी व्यापारिक रणनीति के निर्माण में भी जनसंख्या आकडों का सहारा लेते हैं। इनके आधार पर ही वे अपने प्रोजेक्ट की जगह, मानव संसाधन की उपलब्धता, लोगों की क्रयशक्ति आदि की जानकारी हासिल कर लेते हैं। पॉपुलेशन स्टडी का कोर्स करने के बाद इन कंपनियों के साथ भी जुडा जा सकता है।
कई तरह के कोर्स
पॉपुलेशन स्टडी का अध्ययन गे्रजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट दोनों ही स्तरों पर कर सकते हैं। इसमें डिप्लोमा और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा जैसे कोर्स भी उपलब्ध हैं। अगर आप चाहें तो पीएचडी भी कर सकते हैं। बहुत से विश्वविद्यालयों में इस तरह के कोर्स चलाए जा रहे हैं।
आवश्यक गुण
इस फील्ड में वे ही सफल होते हैं, जो इस काम के साथ-साथ अच्छी और सरल भाषा में अपनी बात कहने और प्रस्तुत करने की काबिलियत रखते हैं। अगर आप मनोवैज्ञानिक अध्ययन कर लेते हैं तो कॅरियर के लिहाज से इस फील्ड का चयन पूरी तरह से सही हैे।
अवसर हैं अपार
इसमें विशेषज्ञता हासिल करने के बाद सरकारी एवं निजी दोनों ही क्षेत्रों में काम के पर्याप्त अवसर हैं। विभिन्न सरकारी विभागों में इसके जानकारों की नियुक्ति होती रहती है। अगर आप सरकारी क्षेत्र में नहीं जाना चाहते हैं तो आपके लिए प्राइवेट सेक्टर में भी पर्याप्त अवसर मौजूद हैं। विभिन्न औद्योगिक कंपनियों में इस काम के जानकारों की नियुक्तियां की जा रही हैं। अगर आप चाहें तो अपनी निजी फर्म बनाकर विभिन्न कंपनियों से प्रोजेक्ट वर्क हासिल कर सकते हैं। यह काम करके भी काफी अच्छी आय की जा सकती है।
रोचक विषय
इस विषय में विद्यार्थियों को मात्र आबादी की वृद्घि एवं उसके विभिन्न सांख्यिकी पहलुओं को ही जानने का मौका नहीं मिलता है, बल्कि समाज के विभिन्न क्षेत्र में हो रहे आर्थिक एवं सामाजिक विकास के हर पहलू की जानकारी भी मिलती है। लोगों से संबंधित तरह-तरह की जानकारियां, इस विषय को रोचक बना देती हैं। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें अध्ययन की व्यापकता बहुत अधिक है। जो लोग यह काम करते हैं उन्हें विभिन्न परिवेश के लोगों से मिलने, उनकी जीवनशैली को देखने, उनके रीतरिवाजों को जानने का मौका भी मिलता है।
प्रमुख संस्थान
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पापुलेशन साइंसेज, मुंबई
पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ
महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी, रोहतक
मद्रास यूनिवर्सिटी, चेन्नई
श्रीवेंकटेश्वर यूनिवर्सिटी, तिरुपति
अन्नामलाई विश्वविद्यालय, चेन्नई
शरद अग्निहोत्री
पॉपुलेशन स्टडी कॅरियर
जन कल्याण के लिए बनाई गई योजनाएं तभी फलीभूत होती हैं, जब उसका निर्माण और क्रियान्वयन सही तरह से किया जाए
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