हर विद्यार्थी सोचता है कि वह पढ़ाई के दौरान अपनी पूरी सोच व क्षमता का इस्तेमाल कर रहा है जबकि देखा जाए तो ज़्यादातर मामलों में ऐसा नहीं होताl आमतौर पर किसी समस्सया का हल निकालने के लिए विद्यार्थी सीधे-सीधे सोचते हुए उस समस्सया से मिलती-जुलती अन्य स्थितियों के अनुसार या याद किए उत्तर के मुताबिक किसी नतीजे पे आ जाता हैl जबकि रोज़ाना जीवन में आने वाली स्मस्सयाओं को सुलझाने के लिए आपको एक अलग सोच रखनी होती हैl क्योंकि न तो आपके पास इन स्मस्सयाओं के लिए कोई रटा-रटाया जवाब होगा और न ही कोई समान स्थिति होगीl ऐसे में ज़रूरत होगी क्रिटिकल थिंकिंग कीl
क्या है क्रिटिकल थिंकिंग?
दरअसल क्रिटिकल थिंकिंग हमारे सोचने का ही एक तरीका है जिसमे हम एक लॉजिकल और स्वंतंत्र सोच के साथ किसी समस्सया का उपयुक्त हल निकालते हैंl इसमें हमें अपनी सोच का इस तरह विश्लेषण करना होता है कि हम अपने दिमाग में आए आईडिया को सही रूप दे सकेंl क्रिटिकल थिंकिंग में आपको सामने की स्थिति की हर बारीकी समझते हुए complete presence of mind के साथ किसी उचित हल तक पहुंचना होता हैl
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विद्यार्थी जीवन में क्या है क्रिटिकल थिंकिंग का महत्त्व?
विद्यार्थी जीवन में क्रिटिकल थिंकिंग का ख़ास महत्त्व है जो कि सिर्फ़ स्कूली जीवन में ही नहीं बल्कि आगे चलके निजी व प्रोफेशनल जीवन में भी काम आएगीl
- आपकी Personality Skills हो जाती हैं बेहतर: जब आप किसी किसी भी स्थिति में स्पष्ट व व्यवस्थित तरीके से सोचना सीख जाते हो तो आप दूसरों के सामने खुद को बेहतरीन तरीके से present कर सकते हो और आपकी इस क्वालिटी का सबसे बड़ा फ़ायदा भविष्य में जॉब इंटरव्यू के दौरान या ऑफिस की प्रेजेंटेशन में अपनी धाक ज़माने के समय होगाl आपकी Personality और Communication Skills ही आपको अपने करियर में नई ऊँचाईयों तक पहुँचने के लिए सीढ़ी बनेंगेl
- आपकी रचनात्मक सोच में होगा बढ़ावा: किसी समस्सया का सबसे अलग और रचनात्मक हल निकालने के लिए आपको कुछ नए आइडियाज दिमाग में लाने होंगे जो कि मौजूदा स्थिति से पूरी तरह संबंध रखते हों और आपहुए आपके लिए काफी उपयोगी साबित हो सकेंl ऐसे आइडियाज निकालते समय आपके दिमाग की क्रिएटिविटी ख़ास रोल निभाती हैl
- इम्तिहान में आने वाले तर्क आधारित प्रश्न हल करने में मिलेगी मदद: बोर्ड परीक्षा ही नहीं बल्कि सरकारी नौकरी के लिए दी जाने वाली प्रतियोगी परीक्षा में भी कई तर्क आधारित प्रश्न पूछे जाते हैंl परीक्षा में आने वाले HOTS (Higher Order Thinking Skill Questions) और Reasoning based questions आपकी क्रिटिकल थिंकिंग को टेस्ट करने के लिए ही पूछे जाते हैं जिनका हल निकालते समय आपको प्रश्न में दर्शाई स्थिति का हर तरह से विश्लेषण करना होगा और उसे रियल लाइफ से जोड़ते हुए उचित नतीजे तक पहुँचना होगाl
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विद्यार्थी अपने जीवन में क्रिटिकल थिंकिंग किस तरह सीख सकते हैं?
- शुरुआत एक प्रश्न से करें
क्रिटिकल थिंकिंग में प्रवेश करने का यह सबसे सरल तरीका हैl बस अपने आप से एक प्रश्न कीजिए कि आप जीवन में क्या करना चाहते हैं या जो सब आप स्कूल में कर रहे हो ये सब किस लिए हैl लेकिन कोई भी प्रश्न ऐसा न हो जिसका जवाब आपको महज़ हाँ या न में देना होl ऐसे प्रश्न पूछिए जिनका जवाब देने के लिए आपको ज्ञान की परतों को छान कर समस्सया को सुलझाने का मौका मिलेl यहाँ ज्ञान का अर्थ हम किताबी ज्ञान से नहीं बल्कि ज़िन्दगी के अनुभवों और भावनाओं से ले रहे हैं जो किसी भी स्थिति को नियंत्रित करने में और सही निर्णय तक पहुँचने में आपकी मदद करते हैंl इससे आपके भीतर क्रिटिकल थिंकिंग का विकास सहज ही होने लगेगाl
- अपनी सोच को दें एक मज़बूत आधार
किसी भी प्रश्न का उपयुक्त उत्तर बिना ज्ञान के नहीं दिया जा सकताl
उदाहर्ण के तौर पर आप अपने आप से प्रश्न कर रहे हो कि आपको इतना गुस्सा क्यों आता है? कब आता है? और आप अपने गुस्से पे काबू कैसे पा सकते हो? तो इसके लिए आपको उन स्थितियों का विश्लेष्ण करना होगा जब-जब आपका खुद पर से नियंत्रण खो गयाl अब ये पता लगाओ कि आप किन तरीकों से उस स्थिति को या तो दोबारा आने से रोक सकते हो या उस दौरान खुद पर कैसे काबू पा सकते होl इसके लिए आपको उन घटनाओं के बारे में जानकारी एकत्रित करनी होगी जिनकी वजह से ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है कि आप अपने क्रोध पे काबू नहीं पा सकतेl धीरे-धीरे एकत्रित होने वाली जानकारी एक दिन इतनी विशाल हो जाएगी की आप हर स्थिति के पूर्व-प्रभाव समझने लगोगे और जीवन में हर प्रश्न या समस्सया का हल बड़ी आसानी से निकाल सकोगेl
- स्थिति को समझते हुए अपने ज्ञान का इस्तेमाल करें
उदाहर्ण के तौर पर आपको अपने सहपाठियों में से ऐसे दोस्त iकी तलाश करनी है जो कि आपको सही सांगत दे सकेl ऐसे में अच्छे और बुरे का अंतर करने के लिए आपको दिमागी जागरूकता और समझ का इस्तेमाल करना होगाl इसके लिए आप समने वाले लोगों की बोलचाल व उनके शारीरिक हव-भाव का विश्लेषण करें जिससे आपके दिमाग में उनके लिए एक PERCEPTION यानि अनुभूति हो पाएl
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