क्या आपको भी लगता है IITs में पढ़ाई किये बिना आप जीवन में सफल नहीं हो सकते? तो ज़रूर पढ़े यह लेख

Oct 10, 2018, 14:33 IST

इस लेख में इंजीनियरिंग उम्मीदवार जानेंगे कि अगर किसी कारण वश उनका IITs में दाखिला नहीं होता तो क्यों उनको कभी भी यह नहीं सोचना चाहिए कि उनके जीवन का लक्ष्य ही ख़तम हो गया है. और कैसे वो इसके बाद भी जीवन में सफलता की उचाईयों को प्राप्त सकते हैं.

Top Entrepreneurs who were not IITians
Top Entrepreneurs who were not IITians

इंजीनियरिंग उम्मीदवारों को लगता है कि “IITs में दाखिला मिलने का मतलब जीवन में सफलता मिलना होता है”. यह सही है. किंतु क्या ऐसा संभव है कि सभी विद्यार्थियों का दाखिला IITs में हो जाए? नहीं ऐसा बिलकुल भी संभव नहीं है. हम सभी जानते हैं कि IITs में सीटों की संख्या विद्यार्थियों की संख्या की तुलना में बहुत ही कम है. कुछ विद्यार्थी बहुत परिश्रम करने के बाद भी IITs में दाखिला पाने में सफल नहीं हो पाते.

ऐसे विद्यार्थियों को लगता है कि उनकी सारी मेहनत बर्बाद हो गयी है और उनके करियर का अब कुछ नहीं हो सकता और इसके कारण वो उदास हो जाते हैं.

आज हम इस लेख में उन लोगों के बारे में बताएँगे जिन्होंने IITs से पढ़ाई नहीं करने के बावजूद भी जीवन में सफलता की उचाईयों को छुआ है. इन लोगों में से कुछ तो इंजीनियरिंग फील्ड से नहीं होने के बाद भी इस दुनिया में प्रौद्योगिकी के सफल entrepreneurs बनें. इसका कारण उनका कॉलेज नहीं बल्कि अपने सपनों को पूरा करने की उनकी चाहत थी.

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आइए जानते हैं उन लोगों के बारे में:

1. आशीष हेमरजानी

Ashish Hemrajani

सबसे पहले हम Book My Show के संस्थापक “आशीष हेमरजानी” के बारे में जानते हैं. इन्होनें मुंबई विश्विद्यालय के Sydenham Institute of Management कॉलेज से मार्केटिंग में MBA किया है. आधिकारिक रूप से Book My Show वर्ष 2017 में शुरू हुआ था जिसका पहला मुख्य उद्देश्य लोगों को ऑनलाइन मूवी टिकेट उपलब्ध करना था, किंतु बाद में इसमें थिएटर, इवेंट्स, कंसर्ट्स (कन्सर्ट)और खेल से सबंधित कार्यक्रमों की भी टिकेट उपलब्ध होने लगी.

आशीष हेमरजानी ने जिंदगी में कभी भी हार नहीं मानी. बजाय इसके उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने का लिए हर संभव प्रयास किया. तत्काल ही उन्होंने अपने फेसबुक (Facebook) अकाउंट को निष्क्रिय कर दिया क्योंकि उनको लगने लगा था कि फेसबुक ने उनकी पूरी जिंदगी को कंट्रोल कर लिया है और इसका अत्यधिक इस्तिमाल उन्हें उनके सपनों को पूरा करने में बाधा उत्पन्न कर रहा है.

2. रितेश अगरवाल

Ritesh Aggarawal

दूसरा नाम रितेश अगरवाल का है जो “OYO Rooms” के संस्थापक हैं. रितेश अगरवाल के माता-पिता चाहते थे कि वे IIT में दाखिला लें और इंजिनियर बनें, किंतु उनका सपना उन्हें कहीं और ही ले गया. अपनी स्कूली शिक्षा पूरा करने के बाद उन्होंने दिल्ली के Indian School of Business and Finance में दाखिला लिया, किंतु कभी कॉलेज ही नहीं गए. इसके जगह उन्होंने अपनी ही कंपनी शुरू कर दी. हम सभी जानते हैं कि सफलता कभी आसानी से नहीं मिलती इसका उदहारण है कि रितेश अगरवाल अपने सपनों को पूरा करने के लिए पहले सिम कार्ड्स (sim cards) भी बेचते थे.

3.फणींद्र सामा

Phanindra Sama

आज हम सभी कहीं न कहीं जाने के लिए बस की टिकेट redBus के जरिये ही बुक करते हैं. फणींद्र सामा redBus के संस्थापक हैं जो IITian नहीं हैं. इन्होनें अपनी पढ़ाई BITS Pilani से पूरी की है.

वर्ष 2005 में फणींद्र सामा दिवाली पर बस की टिकेट उपलब्ध नहीं होने के कारण अपने परिवार से मिल नहीं पाए थे. तब उनके दिमाग में redBus की स्थापना को लेकर विचार आया था. अब कोई भी व्यक्ति redBus से जुड़े हुए 40,000 ट्रेवल एजेंट्स की सहायता से आसानी से बस की टिकेट बुक कर सकता है.

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4. कुनाल शाह

Kunal Shah

कुनाल शाह इंजीनियरिंग उम्मीदवार नहीं थे. उन्होंने मुंबई के Wilson College से बैचलर ऑफ आर्ट्स इन फिलॉसफी (Bachelor of Arts in Philosophy) की डिग्री ली है. इसके बाद उन्होंने मुंबई के ही Narsee Monjee Institute of Management Studies कॉलेज में MBA करने के लिए दाखिला लिया, किंतु उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी. वर्ष 2010 में संदीप टंडन के साथ मिल कर कुनाल शाह ने FreeCharge की स्थापना की. अप्रैल 2015 में, Snapdeal ने FreeCharge को खरीद कर कुनाल शाह को कंपनी का CEO बना दिया.

5. साहिल बरुआ

Sahil Barua

साहिल बरुआ इ-कॉमर्स कंपनी Delhivery के संस्थापकों में से एक हैं. इन्होनें अपनी पढ़ाई कर्नाटक में स्थित, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (National Institute of Technology) से की है. साहिल बरुआ ने Delhivery की स्थापना मई 2011 में की थी. उस समय कंपनी के पास सामान की डिलीवरी करने के लिए लोग नहीं थे. सौभाग्य वश, उन्हें 1 रेस्टोरेंट के बारे में पता चला जो बंद होने वाला था और वहाँ के स्टाफ को काम की ज़रूरत थी. Delhivery ने सभी लोगों को बिना सोचे समझे रख लिया और यहीं से Delhivery की सफलता की शुरुआत हुई.  

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6. दीपक रविन्द्रन:

Deepak Ravindran

दीपक रविन्द्रन ने Lal Bahadur Shastri College of Engineering में कंप्यूटर साइंस कोर्स में दाखिला लिया था, किंतु उन्होंने 5वें सेमेस्टर में ही अपनी पढ़ाई छोड़ दी. सबसे पहले इन्होनें Innoz Technologies नामक कंपनी की स्थापना की. जिसका उद्देश इंटरनेट से सम्बंधित ज्ञान लोगों तक को टेक्स्ट मेसेज के जरिये पहुंचना था. उनकी नवीनतम कंपनी का नाम Lookup है जिसकी सहायता से लोग स्थानीय दुकानों से आसानी से संपर्क कर सकते हैं.

निष्कर्ष:

इस लेख को पढ़कर हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि जीवन में सफलता पाना आपके  कॉलेज नहीं बल्कि आपके जुनून पर निर्भर करता है. इस लेख में बताये गए लोग IITs से नहीं थे, किंतु इसके बावजूद उन्होंने जीवन में सफलता हासिल की. उन्होंने अपने जीवन में जोखिम लिए और अपने सपनों को पूरा करने के लिए अपनी पढ़ाई तक बीच में ही छोड़ दी. हम यह नहीं चाहते कि विद्यार्थी कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दे, किंतु विद्यार्थियों को अपने सपनों को पूरा करने के लिए कठिन परिश्रम करना चाहिए और जीवन में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए. अगर आपका दाखिला IITs में नहीं होता तो इसका मतलब यह नहीं कि आपकी जिंदगी का उदेश्य ही ख़तम हो गया, आपके पास जीवन में सफलता पाने के लिए और भी कई सुनहरे अवसर हैं. 

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