UP Board ने 10वीं तथा 12वीं के बोर्ड एग्जाम की कॉपियों का मूल्यांकन के समय दो घंटे बढ़ा दिया है. सचिव नीना श्रीवास्तव ने सभी संयुक्त शिक्षा निर्देशकों को मंगलवार को पत्र जारी कर निर्देशित किया है कि सुबह 10 की बजाय 9 और शाम को पांच की बजाय छह बजे तक कॉपियों का मूल्यांकन जारी रखा जाए.
इसके बावजूद चौथे दिन भी 50 फीसदी से कम परीक्षक मूल्यांकन के लिए पहुंचे. UP Board की कॉपियों के मूल्यांकन के चौथे दिन मंगलवार को 6465 परीक्षकों में से 3034 उपस्थित थे जबकि 654 उप प्रधान परीक्षकों में 554 ने रिपोर्ट किया.
कंट्रोल रूम को मिली सूचना के मुताबिक 158484 कॉपियां जांची गई. जीआईसी में 21825, सीएवी 18430, जीजीआईसी 26515, जमुना क्रिश्चियन 24270, क्रास्थवेट 21099, केसर विद्यापीठ 8055, भारत स्काउट 3600, जगत तारन 11200 और अग्रसेन इंटर कॉलेज में 23500 कॉपियां जांचीं गईं.
माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश 10+2 के विद्यार्थियों के लिये सार्वजनिक परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था है. इसका मुख्यालय इलाहाबाद में है. इसे संक्षेप में "यूपी बोर्ड" के नाम से भी जाना जाता है. माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश की स्थापना सन् 1921 में इलाहाबाद में संयुक्त प्रान्त वैधानिक परिषद (यूनाइटेड प्रोविन्स लेजिस्लेटिव काउन्सिल) के एक अधिनियम द्वारा की गई थी. यह भारत का प्रथम शिक्षा बोर्ड था जिसने सर्वप्रथम 10+2 परीक्षा पद्धति अपनायी थी और सबसे पहले सन् 1923 में परीक्षा आयोजित की.
उत्तर प्रदेश बोर्ड का मुख्य कार्य राज्य में हाई स्कूल एवं इण्टरमिडिएट की परीक्षा, पाठ्यक्रम एवं पुस्तकें निर्धारित करना होता है. इसके अलावा राज्य में स्थित विद्यालयों को मान्यता देना भी प्रमुख कार्य है. उत्तर प्रदेश बोर्ड के चार क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ (1973), वाराणसी(1978), बरेली(1981) और इलाहाबाद (1987) में स्थित है. वर्तमान आंकड़ों के अनुसार बोर्ड 60 लाख से अधिक छात्रों की परीक्षाएं संचालित करता है.
उत्तर प्रदेश में अधिकांश माध्यमिक विद्यालय उ.प्र.बोर्ड की मान्यता प्राप्त हैं, लेकिन कुछ माध्यमिक विद्यालय काउंसिल ऑफ इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्ज़ामिनेशंस (आई.सी.एस.ई बोर्ड) एवं केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड(सी.बी.एस.ई) द्वारा प्रशासित हैं.
SC/ST/OBC छात्रों के लिए बिहार स्टेट पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति 2018
आगामी संशोधन (Upcoming Improvement): -
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यूपी बोर्ड ने कक्षा 9वीं से 12वीं तक के पाठ्यक्रम में सत्र 2018- 19 से पूरा बदलाव किया है. अब छात्रों को UP Board में NCERT पर आधारित पाठ्यक्रम पढ़ना होगा.
साथ ही साथ उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यूपी बोर्ड ने 11वीं और 12वीं का पाठ्यक्रम अलग-अलग कर दिया है.
सूत्रों ने बताया कि बोर्ड की ओर से तैयार नए पाठ्यक्रम को छात्रों की सुविधा के अनुसार विभाजित किया गया है. नए पाठ्यक्रम में आसान से कठिन की ओर छात्रों को पाठ्यक्रम से जोड़ा जाएगा. नया पाठ्यक्रम इंजीनियरिंग और मेडिकल की परीक्षाओं के पाठ्यक्रम के आधार पर तैयार किया गया है.