UGC: नई शिक्षा नीति के तहत गठित समिति ने आर्ट्स और कॉमर्स सहित कई अन्य विषयों के लिए बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री देने की सिफारिश की हैI इस विषय में यूजीसी जल्द ही एक अधिसूचना जारी कर सकता है. इसके साथ ही, UGC जल्द ही कई अन्य डिग्रियों के लिए भी एक नई की शुरुआत करने होने वाली है. हालांकि, हार्वर्ड विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग में बीए और बीएस दोनों तरह की डिग्री देता हैI देश में भी जल्द ही ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन, दोनों ही लेवल पर इसकी शुरुआत होने वाली हैI इस विषय में राज्य और केन्द्रीय विश्वविद्यालयों को ड्राफ्ट भेजा गया है, जिसमें वे अपना समर्थन और विरोध 5 जुलाई तक दर्ज करवा सकते हैं. आइये जानें पूरी रिपोर्ट्-
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) आर्ट्स, मानविकी (humanities), प्रबंधन (management) और वाणिज्य (commerce) जैसे विषयों में विज्ञान में स्नातक की डिग्री सहित अन्य पेश करने वाला है ।
- उल्लेखनीय है कि अभी तक UGC विश्वविद्यालयों को केवल आर्ट्स, मानविकी और सोशल साइंस में आर्ट्स ग्रेजुएट (बीए) की डिग्री देने अनुमति देता है।
- वहीं, बैचलर ऑफ साइंस (बीएससी) की डिग्री देश में केवल साइंस के विषयों के लिए दी जाती है.
- हालांकि, NEP 2020 के तहत UGC की ओर से द्वारा डिग्री को लेकर एक समिति का गठन किया गया था। गठित समिति ने ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट डिग्रियों के पुनर्गठन की वकालत की थीI
- चार वर्षीय स्नातक डिग्री प्रोग्राम के किसी भी कोर्स में अब छात्रों को बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री दी जा सकेगी। अब साइंस, इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, आर्ट्स, ह्यूमेनिटीज, सोशल साइंस, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, मैनेजमेंट, और कॉमर्स आदि की डिग्री को BS का नाम दिया जा सकता है।
- इसी तरह, विश्वविद्यालय आर्ट्स, ह्यूमेनिटीज, सोशल साइंस, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, मैनेजमेंट और कॉमर्स जैसे विषयों के लिए भी एक और दो साल के मास्टर प्रोग्राम के लिए मास्टर ऑफ साइंस (एमएस) नाम भी दिया जा सकता है।
- विदेशों में विश्वविद्यालय अक्सर मनोविज्ञान या अर्थशास्त्र में बीए और बीएस डिग्री देते हैं। ऐसे मामले में, प्रोग्राम का सिलेबस बीए की डिग्री को बीएस से अलग करता है। जबकि एक बीएस डिग्री किसी छात्र को विषय में अधिक विशिष्ट शिक्षा देती हैI हार्वर्ड विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग में बीए और बीएस दोनों डिग्री देता है ।
UGC के चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने कहा कि डिग्री के नये नामों की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है। इस उच्चस्तरीय समिति के विषय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP)2020 के तहत पारंपरिक डिग्री के नाम पर नए डिग्री के नाम की सिफारिश का ड्रॉफ्ट सभी राज्यों और विश्वविद्यालयों को भेज दिया है। इससे हितधारक पांच जुलाई तक इस ड्रॉफ्ट पर अपने सुझाव और आपत्तियां दर्ज करवा सकते हैं। NEP 2020 की सिफारिश और नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क एंड करिकुलम के आधार पर इसे तैयार किया गया है। इसमें छात्रों को ग्रेजुएट्स और पोस्ट ग्रेजुएट्स प्रोग्राम में मल्टीपल एंट्री-एग्जिट की सुविधा मिलेगी। UGC के चेयरमैन के अनुसार, छात्रों को पढ़ाई से मिले क्रेडिट के आधार पर सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, ग्रेजुएट और पोस्ट डिप्लोमा व स्नातकोत्तर डिग्री मिलेगी।
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जानें किन कोर्स में मिल सकती है नई डिग्री?
नई डिग्रियों के तहत छात्र साइंस, इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, आर्ट्स, ह्यूमेनिटीज, सोशल साइंस, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, मैनेजमेंट और कॉमर्स आदि कोर्स में बैचलर ऑफ साइंस (बीएस) और मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री ले सकेंगे। उल्लेखनीय है कि अभी तक UGC ने यूनिवर्सिटीज को आर्ट्स, ह्यूमेनिटीज और सोशल साइंस में आर्ट्स ग्रेजुएट की डिग्री देने की अनुमति दी है। वहीं, बीएससी की डिग्री आमतौर पर साइंस के सब्जेक्ट के लिए मिलती है। छात्र ग्रेजुएशन के साथ ही मास्टर्स में भी इन विषयों में साइंस की डिग्री ले सकेंगेI
1 करोड़ छात्रों ने करवाया एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स में रजिस्ट्रेशन
UGC अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने बताया है कि, एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (एबीसी) में अब तक एक करोड़ छात्रों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुसार, एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) एक वर्चुअल/डिजिटल स्टोर हाउस है जिसमें प्रत्येक छात्र द्वारा कोर्स पूरा करने के दौरान मिले क्रेडिट की जानकारी होती है। यह छात्रों को अपना अकाउंट ओपन करने और कॉलेजों या विश्वविद्यालयों में प्रवेश करने और निकलने के लिए कई विकल्प देने में सक्षम बनाएगा। इतने अधिक छात्रों के रजिस्ट्रेशन के साथ ये एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। एबीसी, छात्रों के लिए एक वर्चुअल, डिजिटल स्टोर हाउस के रूप में कार्य करेगा, जहां उनकी उच्च शिक्षा के दौरान उन्हें मिले अंकों को सेव करके रखा जाएगा।
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