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कोलकाता में 22 कारीगरों की एक टीम द्वारा तीन महीने में बनाई गई 100 फुट की विशाल फाइबरग्लास बुद्ध की प्रतिमा, कला का एक आकर्षक रूप है. यह प्रतिमा शयन मुद्रा में बनाई गई है. इस लेख के माध्यम से हम आपको विश्व में अलग-अलग जगहों पर मौजूद बुद्ध की प्रतिमाओं के बारे में बताएंगे। साथ ह भारत में मौजूद बुद्ध की शयन मुद्रा में सबसे बड़ी प्रतिमा के बारे में भी जानकारी देंगे। जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
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भगत सिंह का जन्म सितम्बर 1907 में पंजाब में हुआ था और सैंडर्स की हत्या के आरोप में दोषी पाये जाने के कारण 23 मार्च 1931 को उन्हें लाहौर के सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गयी थी | उन्होंने 5,6 अक्टूबर 1931 को लाहौर के सेंट्रल जेल से एक धार्मिक आदमी को जवाब देने के लिये एक निबंध लिखा था जिसने उनके ऊपर नास्तिक होने का आरोप लगाया था | भगत सिंह की उम्र उस समय 23 वर्ष की थी|
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भारत के प्रत्येक राज्य का अपना समृद्ध और गौरवशाली इतिहास है। यहां, हम 'प्राचीन बिहार के इतिहास' पर पूर्ण अध्ययन सामग्री दे रहे हैं, जो उम्मीदवारों को BPSC और अन्य राज्य स्तर की परीक्षाओं जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने की राह को आसान करने में मदद करेगी।
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Difference between the AD and BC: हम इतिहास को बताने के लिए ईस्वी और ईसा पूर्व का प्रयोग करते हैं। लेकिन, क्या आप भी ईस्वी और ईसा पूर्व को लेकर दुविधा में पड़ जाते हैं। यदि हां, तो इस लेख के माध्यम से हम आपको इन दोनों के बीच अंतर को बताएंगे। जानने के लिए यह लेख पूरा पढ़ें।
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क्या आप जानते हैं कि देश की पहली ट्रेन कब और कहां से कहाँ तक चली थी. इस दिन को भारतीय रेल के इतिहास की शुरुआत और काफी खास दिन माना जाता है. आइये इसके बारे में विस्तार से अध्ययन करते हैं.
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LIDAR (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग) स्कैनिंग के बाद मैक्सिको में एक विशाल प्राचीन शहर के छिपे हुए निशानों का पता चला है, जो इसकी पहले की अनदेखी विशेषताओं का खुलासा करता है. आइये जानते हैं इसके बारे में सब कुछ.
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अक्सर आपने सुना होगा 'ज्यादा तुर्रम खां मत बनो'. 'खुद को तुर्रम खां समझते हो'. जिसके नाम पर इतने मुहावरे या डायलॉग बनाए गए हैं आखिर तुर्रम खां है कौन? आइये इस लेख के माध्यम से असली तुर्रम खां के बारे में जानते हैं.
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Kashi Vishwanath Temple: काशी विश्वनाथ मंदिर काशी जिसे अब वाराणसी कहा जाता है में स्थित सबसे पवित्र हिंदू मंदिरों में से एक है. आइये इस लेख के माध्यम से मंदिर का इतिहास, इसकी वास्तुकला, ज्योतिर्लिंगों, इत्यादि के बारे में जानते हैं.
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History of Kohinoor Diamond: आप सभी ने कोहिनूर हीरे के बारे में सुना होगा और इंटरनेट के माध्यम से इसकी तस्वीरों को भी खंगाला होगा। यह हीरा बेशकीमती हीरा है, जिसका इतिहास भारत से जुड़ा हुआ है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से कोहिनूर हीरे के बारे में बताने जा रहे हैं।
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आइये इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि भारत में पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन कब और कहां से चली थी.
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क्या आप जानते हैं कि देश की राजधानियां समय के साथ बदलती रहीं है और नई दिल्ली हमेशा से भारत की राजधानी नहीं रही है? प्राचीन और मध्ययुगीन में भारत कई राज्यों में विभाजित था, प्रत्येक की अपनी राजधानी हुआ करती थी. इनमें से कई बड़े व्यापारिक केंद्र और सांस्कृतिक केंद्रों में विकसित हुए. लेकिन ऐसा कौन सा शहर था जिसे ब्रिटिश शासन काल के दौरान एक दिन के लिए भारत की राजधानी घोषित किया गया और क्यों? आइये जानें इसके बारे में विस्तार से
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वैसे तो हम जानते हैं की कैसे आधुनिक तकनीको ने लोगों की दैनिक जीवन-शैली को आधुनिक और उन्नत बनाने मे अहम् भूमिका निभाई है। लेकिन क्या हम जानते हैं की सैकड़ों साल पहले भी मनुष्य तकनिकी रूप से सक्षम थाl इतिहास और पुरातात्विक निष्कर्षों से यह पता चलता है की मनुष्यों को हमेशा से ही तकनीक और प्रौद्योगिकी आकर्षित करता रहा है। हम यहाँ सामान्य जानकारी के लिए दुनिया के 10 सबसे प्राचीन यंत्रो के नाम दे रहे हैं।
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दुनिया में कई ऐसे प्रसिद्ध व्यक्ति हुए हैं जो अपने जीवनकाल में ही वह प्रतिष्ठा और ख्याति प्राप्त कर लेते हैं, जो मरने के बाद भी कई व्यक्तियों को नसीब नहीं होती है। इन्हीं प्रसिद्धियों में से एक है- किसी जीवित व्यक्ति के नाम पर डाक टिकट जारी होना। भारत में भी कई ऐसे महान व्यक्तित्व हुए हैं जिनके नाम पर उनके जीवनकाल में ही डाक टिकट जारी किए गए हैं। इस लेख में हम उन प्रसिद्ध भारतीय हस्तियों का विवरण दे रहे हैं जिनके नाम पर उनके जीवनकाल में ही डाक टिकट जारी हुए हैं।
Sep 20, 2022
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देश 1947 में ब्रिटिश शासन से आजाद हो गया था लेकिन आजादी के बाद गोवा पर 14 वर्षों तक पुर्तगालियों ने शासन किया I आइये इस लेख से जानते हैं कि, कैसे भारत की आजादी के 14 साल बाद गोवा को पुर्तग़ालियों के शासन से स्वतंत्रता मिली I
Sep 20, 2022
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अंग्रेजों ने भारत पर लगभग 200 सालों के शासन के दौरान इस देश को अपनी सहूलियत के हिसाब से चलाने के लिए कई कानून बनाये| इन सभी कानूनों का मकसद सिर्फ भारत से संसाधनों को लूटने और इस लूट को रोकने के लिए उत्पन्न होने वाले विद्रोहों को दबाने के उपाय किये गए थे | इस लेख में ऐसे ही कुछ अनैतिक और स्वार्थ से भरे कानूनों के बारे में बताया गया है|
Sep 20, 2022